MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा क्षेत्र से उठी एक बड़ी मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यहां के आदिवासी समाज के लोगों ने अलग 'भील प्रदेश' बनाने की मांग की है. मंगलवार को बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग रतलाम के कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अलग भील प्रदेश की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, उनकी मांग है कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों को मिलाकर एक अलग भील प्रदेश बनाया जाए, जिसमें एमपी के साथ-साथ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के जिलों को भी शामिल किया जाए. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब भील प्रदेश की मांग उठी हो इससे पहले भी कई बार अलग भील प्रदेश की मांग सामने आती रही है.
रतलाम के सैलाना से उठी मांग
रतलाम के सैलाना से पहुंचे आदिवासियों 'भील प्रदेश लेकर रहेंगे' जैसे नारे लगाए और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा, उनका आरोप है कि आदिवासी क्षेत्रों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है, वहीं दूसरी तरफ उनकी जमीनें भूमाफियाओं को दी जा रही हैं. इसलिए अब दिशा में काम किया जाना चाहिए और अलग भील प्रदेश की मांग को मुखरता से देखा जाना चाहिए. क्योंकि यह मांग लंबे समय से चली आ रही है, जिस पर अब काम शुरू होना चाहिए.
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एमपी के साथ इन जिलों को शामिल करने की मांग
आदिवासी नेताओं ने प्रस्तावित भील प्रदेश की सीमाएं भी स्पष्ट कर दी हैं, उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा कि मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलाकर इस राज्य की मांग की जा रही है, यानि एमपी के साथ-साथ इन जिलों में आने वाले आदिवासी बहुल जिलों को भी भील प्रदेश में शामिल किया जाए. वहीं इस मांग को देखा जाए तो यह मुद्दा अब केवल सामाजिक नहीं, बल्कि बड़ा राजनीतिक रंग भी ले सकता है, आने वाले दिनों में कांग्रेस और भाजपा जैसे दलों की प्रतिक्रियाएं इस पर अहम होंगी. ऐसें यह मामला फिलहाल चर्चा में बना हुआ है.
दूसरे राज्यों से भी उठती रही है मांग
दरअसल, अलग भील प्रदेश बनाने की मांग केवल एमपी से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी उठती रही है. राजस्थान और गुजरात के जिलों में भी इस तरह की मांग उठ चुकी है. राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत भी इसी तरह की मांग उठा चुके हैं. जबकि समय-समय पहले भी कई बार यह मांग उठाई जाती रही है. अलग भील प्रदेश में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों को शामिल करने की मांग होती रहती है.
रतलाम से चंद्रशेखर सोलंकी की रिपोर्ट
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