MP News: मंत्री विजय शाह के मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है, उनके वीडियो और एफआईआर की कॉपी एसआईटी के अधिकारियों ने बुलवाई है, क्योंकि इन्हीं के आधार पर जांच शुरू की जाएगी. वहीं मंत्री विजय शाह की लोकेशन अभी भी नहीं मिल रही है. कल इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित हुई मोहन मंत्रिमंडल की अहम बैठक में भी वह शामिल होने नहीं पहुंचे थे. वहीं इस मामले में जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा 'कई बार मंत्री व्यक्तिगत कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो पाते हैं, ऐसा पहले भी होता रहा है, उनकी बैठक से अनुपस्थिति का संभवत यही कारण हो सकता है.'
एसआईटी मानपुर थाना जाएगी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुरंत ही तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था, जिसके बाद तीनों अधिकारियों ने कल मामले में वर्चुअल बैठक की थी, जिसमें इंदौर देहात पुलिस से एफआईआर और वीडियो के फुटेज तो मंगवा लिए गए हैं, जबकि माना जा रहा है कि अब एसआईटी की टीम मानपुर थाना पहुंचकर जांच व दस्तावेजों को भी अपने कब्जे में ले सकती है. क्योंकि इस मामले की रिपोर्ट 28 मई तक सौंपनी है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई इसी तारीख को होनी है.
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कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे विजय शाह
मंत्री विजय शाह फिलहाल अंडरग्राउंड बताए जा रहे हैं, क्योंकि उनके तीनों आधिकारिक निवास भोपाल, खंडवा और इंदौर में उनकी लोकेशन नहीं मिल रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. लेकिन उनकी माफी का स्वीकार नहीं किया था, जबकि बीजेपी आलाकमान की तरफ से भी उनके मामले में अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. फिलहाल सभी की नजरें 28 मई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हुई हैं. विजय शाह के मामले में अभी ज्यादातर लोग कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने मामले में प्रमोद वर्मा जो सागर रेंज के आईजी हैं, कल्याण चक्रवर्ती जो एसएएफ के डीआईजी हैं और वाहिनी सिंह एसपी डिंडौरी को मामले की जांच की सौंपी है. यह तीनों कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले विजय शाह के खिलाफ जांच शुरू कर चुके हैं.
हालांकि कांग्रेस ने इस पर भी सवाल उठाए हैं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लिखा 'मंत्री विजय शाह के खिलाफ सरकार ने जो तीन सदस्यीय SIT गठित की है, उसकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि सूत्रों से पता चला है, एसाआईटी में शामिल आईजी प्रमोद वर्मा 2010 में खरगोन के एसपी थे, उसी वक्त विजय शाह जिले के प्रभारी मंत्री थे, जबकि कल्याण चक्रवर्ती 2018 में खरगोन के एसपी थे. उस समय विजय शाह वन मंत्री थे.
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