Chhattisgarh Medical College: छत्तीसगढ से एक घटना सामने आई है, जिसे सुन आप भी कहेंगे ये है दिन दहाड़े कांड. अंघेरे में छुपकर चोरी की घटनाएं तो आम है, सुनकर किसी का ज्यादा ध्यान भी नहीं जाता, लेकिन दिन में बेखौफ सरकारी एंबुलेंस ही चुरा ले जाना बदमाशों के बुलंद हौंसले का सबूत है. ये चोरी छत्तीसगढ के अंबिकापुर जिले के मेडिकल कॉलेज में हुई. यहां दिन-दहाडे़ अस्पताल से एंबुलेंस चोरी हो गई, जिसके बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल किये जा रहे हैं.
संजीवनी 108 एम्बुलेंस की चोरी
बता दें कि अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नकीपुरिया वार्ड के सामने खड़ी एम्बुलेंस चोर ले उड़े और किसी को पता नहीं चला. इसपर अधिकारी, कर्मचारी के पास कोई जवाब नहीं है और ना ही अस्पताल के प्रबंधन में से किसी को एम्बुलेंस चोरी होने को लेकर कोई जानकारी थी. एम्बुलेंस गायब होने की खबर मिली तो जिला प्रभारी ने तत्काल ही एम्बुलेंस संजीवनी 108 की चोरी होने की शिकायत मणिपुर थाने में दर्ज कराई. थाने की पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
हर महीने खर्च होते हैं 7 लाख रुपए
अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से संजीवनी 108 एम्बुलेंस चोरी होने के बाद से एक बार फिर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कारण है कि ये पहला मामला नहीं है, जब यहां से लापरवाही का मामला आया है. इससे पहले भी अस्पताल परिसर से कई दुपहिया चोरी होते रहे हैं. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चोरी आम बात बन गई है, बावजूद इसके प्रबंधन कोई कड़े कदम नहीं उठा पाया. नतीजा ये कि अब संजीवनी 108 एम्बुलेंस ही चोरी हो गई. सवाल यह उठता है कि जहां सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अस्पताल प्रबंधन पर हर महीने लगभग 7 लाख रुपए खर्च कर रहा है, वहां ये हाल.
कई जिलों में निजी कंपनी करती है संजीवनी 108 का संचालन
बता दें सरगुजा में भी संजीवनी 108 एम्बुलेंस का संचालन निजी कंपनी द्वारा किया जाता है और जिले को कुल 17 एम्बुलेंस मिले हुए हैं. इन सभी का संचालन जरूरत के अनुसार किया जाता है. ऐसे में ऐसी लापरवाही पर प्रशासन से सवाल बनता है. मणिपुर थाने की पुलिस ने मामले की जांच करते हुए बताया कि कम्पनी की एक एम्बुलेंस क्रमांक सीजी 02-6563 भी पिछले कई दिनों से अस्पताल एमसीएच परिसर में नकीपुरिया वार्ड के बाहर से गायब है. इतना पता चला है. इसके आगे की कारवाई अभी जारी है. पुलिस का कहना कि यह मामला लापरवाही या साजिश का है, ये अभी पता नहीं है.
रिपोर्ट- सुशील कुमार
जी न्यूज, अंबिकापुर