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Ayodhya Mein Siya Ram: राम मंदिर में लोगों को मिलेगी ये सुविधाएं, बुजुर्ग-दिव्यांगों के लिए भी खास इंतजाम

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है.  22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे. इससे पहले 30 दिसंबर को पीएम मोदी का रोड़ शो भी अयोध्या में होगा.

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Ayodhya Mein Siya Ram: राम मंदिर में लोगों को मिलेगी ये सुविधाएं, बुजुर्ग-दिव्यांगों के लिए भी खास इंतजाम
Shikhar Negi|Updated: Dec 27, 2023, 03:58 PM IST
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Ayodhya Mein Siya Ram: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है.  22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे. इससे पहले 30 दिसंबर को पीएम मोदी का रोड़ शो भी अयोध्या में होगा. वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर में लोगों के लिए क्या फैसिलिटी रहेगी. इसके बारे में जानकारी दी है. आईये जानते हैं...

मंदिर में मिलेगी ये सुविधा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने  बताया कि श्रद्धालुओं के लिए एक फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया गया है. इसमें 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए लॉकर की सुविधा दी गई है. इसमें यात्री अपना जरूरी सामान, पर्स, मोबाइल, छोटा बैग, जूते आदि रख सकेंगे. यहां से सारे भक्तों को नंगे पैर ही जाना होगा. भीषण गर्मी में श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो, इसका इंतजाम भी किया जाएगा. 

चंपत राय ने  बताया कि फैसिलिटी सेंटर में 500 से ज्यादा लोगों के लिए टॉयलेट और अन्य सुविधाएं भी मिलेगी. मंदिर परिसर में दो एसटीपी भी बनाए गए हैं. मंद‍िर पर‍िसर में बुजुर्गों, द‍िव्‍यांगों और असहाय लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने के भी बड़े प्रयास क‍िए गए हैं.

ग्राउंड फ्लोर भी बनकर तैयार
चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर भी पूरी तरह से तैयार हो गया है. मंदिर निर्माण का काम युद्ध स्तर पर जारी है. 70 एकड़ में बन रहे राम मंदिर के पास ही फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया गया है. इसके अलावा मंदिर में द्विव्यांग जनों के लिए भी खास इंतजाम है.

मंदिर की उम्र 1 हजार साल
बता दें कि मंदिर निर्माण में फ्लोर के लिए मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा मंदिर के गर्भगृह में श्वेत मार्बल का इस्तेमाल हुआ है. वहीं राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है. इन पत्थरों की उम्र 1000 साल की होगी. मंदिर के निर्माण में 22 लाख क्यूबिक पत्थर का इस्तेमाल किया गया है.

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