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मूंग या उड़द? गर्मियों में चंबल इलाके में किस फसल की करें खेती, जानें तरीका

MP Agriculture News: मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में गर्मियों के दिनों में उड़द की खेती कर सकते हैं. जो कि 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है. इसके अलावा, कम पानी और कम मेहनत में अच्छी पैदावार भी देती है.   

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 चंबल इलाके में करें उड़द की खेती
चंबल इलाके में करें उड़द की खेती
Manish kushawah|Updated: Apr 29, 2025, 02:47 PM IST
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Urad Farming Tips: अगर आप मध्य प्रदेश के किसान हैं और चंबल इलाके में खेती करते हैं, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि गर्मियों में कौन सी फसल बोई जाए. तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, गर्मियों के दिनों में चंबल इलाके में मूंग और उड़द दो फसलों की खेती की जाती है, जो कम पानी और कम मेहनत में अच्छी पैदावार देती हैं. इसके अलावा, इन फसलों की खेती से जमीन की उर्वराशक्ति भी बढ़ती है, जिससे अगली फसल और भी अच्छी होती है.

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, MP में चंबल इलाके के लिए उड़द की खेती ज्यादा बेहतर मानी जाती है. क्योंकि यह फसल 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसान समय पर खरीफ फसल की तैयारी कर सकते हैं. इसकी बुवाई के लिए अप्रैल-मई का महीना सबसे सही समय माना जाता है. उड़द की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी बढ़िया मानी जाती है. उनका यह भी मानना है कि चंबल इलाके की पानी की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए उड़द जैसी दलहनी फसलें अच्छा मुनाफा दे सकती है. 

इसकी खेती करने की प्रक्रिया
1.
सबसे पहले खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और पुराने कीड़े-मकोड़े खत्म हो जाएं. इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल करें. ध्यान रखें, खेत में पानी का जमाव बिल्कुल न हो, क्योंकि उड़द की फसल को खड़े पानी से नुकसान होता है.

2. इसके अलावा, अच्छे किस्म के बीज जैसे TAU-1, T-9 या Pant Urd-31 चंबल इलाके के लिए बढ़िया माने जाते हैं. बीज को बोने से पहले फफूंदनाशक (जैसे- कार्बेन्डाजिम या थायरम) से का छिड़काव करें, फिर जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा और राइजोबियम कल्चर से उपचार करें. इससे फसल बीमारी से बचेगी और नमी में भी अच्छी बढ़वार होगी.

3. उड़द की बुवाई अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में कर देनी चाहिए. लाइन से लाइन की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखें. इससे खरपतवार नियंत्रण और फसल की बढ़त दोनों में मदद मिलेगी.

4. उड़द की फसल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें और दूसरी फूल आने पर करें. उसके 20 दिन बाद खरपतवार जरूर हटाएं, ताकि गर्मियों में बीमारी और कीट कम लगते हैं, लेकिन फिर भी खेत पर नजर रखें.

5. यह 70 से 80 दिन में फसल पक जाती है. जब 80% फलियां काली हो जाएं, तब फसल काट लें. एक बीघा में अगर ठीक से देखभाल की जाए, तो 4 से 5 क्विंटल तक उपज मिल सकती है.

अगर आप खेती से जुड़ी सटीक जानकारी चाहते हैं. तो किसान भाई अपने नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र में जरूर संपर्क करें. मध्य प्रदेश की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

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