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MP की सूरत बदलेंगे 'ब्रह्मा', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किस मुद्दे पर कही ये बात, पढ़िए

MP News: मध्य प्रदेश के रायसेन में रक्षा मंत्रालय की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट 'ब्रह्मा' (BRAHMA) का शिलान्यास हुआ.1800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से लाखों नौकरियां प्रदेश को मिलेंगी. 

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MP की सूरत बदलेंगे 'ब्रह्मा', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किस मुद्दे पर कही ये बात, पढ़िए
Zee Media Bureau|Updated: Aug 11, 2025, 02:05 PM IST
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Rajnath Singh MP Visit: मध्यप्रदेश के लिए 10 अगस्त का दिन बेहद खास रहा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदेश को बड़ी सौगात दी. उन्होंने रायसेन के उमरिया गांव में रक्षा मंत्रालय की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट 'ब्रह्मा' (BRAHMA) का शिलान्यास किया. यह प्रोजेक्ट 1800 करोड़ की लागत से तैयार होगा. इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. इस यूनिट से प्रदेश की सूरत बदल जाएगी. रोजगार के साथ-साथ यहां कई छोटे-मोटे उद्योग भी तैयार होंगे. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि  इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज मध्यप्रदेश को बहुत बड़ी सौगात मिली है. मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. प्रदेश को औद्योगिक विकास की गति मिल रही है. इस परियोजना से 5000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में रोजगार की गंगोत्री आ रही है. प्रदेश सरकार रोजगार और उद्योगों के साथ-साथ स्वदेशी के लिए भी संकल्पित है. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अतिथियों ने वेद मंत्रोच्चार के साथ उमरिया में आधुनिक रेल कोच निर्माण के लिए ब्रह्मा परियोजना का शिलान्यास किया. इस मौके पर ब्रह्मा परियोजना पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया. 148 एकड़ में बनने वाली यह यूनिट हाईवे, रेल और हवाई मार्ग से सीधे जुड़ेगी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है. आज यहां बीईएमएल की ग्रीन फील्म मेट्रो कोच परियोजना का शिलान्यास हुआ है. प्रदेश से मेरा पुराना नाता है, प्रदेश मेहमानबाजी से लिए बेजोड़ है. यहां के लोगों का व्यवहार कोई नहीं भूल सकता है.  रक्षा मंत्रालय से मध्यप्रदेश को पूरा सहयोग मिलेगा. बीईएमएल की इस परियोजना का लाभ क्षेत्र की एमएसएमई यूनिट्स को भी लाभ मिलेगा. प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए 30 लाख करोड़ का निवेश अल्प समय में प्राप्त हुआ है. डॉ. मोहन यादव तेजी से औद्योगिक विकास को बढ़ा रहे हैं, वे बधाई के पात्र हैं. प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर का लैंड बैंक तैयार किया गया है. यहां सर्व सुविधाएं हैं, उद्योग लगने शुरू हो गए हैं. 

एमपी में रक्षा क्षेत्र के विकास की पूर्ण क्षमता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जबलपुर में रक्षा क्षेत्र की इकाइयां मध्यप्रदेश में अच्छा काम कर रही हैं. प्रदेश में रक्षा क्षेत्र के विकास के लिए पूर्ण क्षमता उपलब्ध है. नेतृत्व शानदार हो तो विकास भी तेजी से होता है. मध्यप्रदेश भविष्य में मॉडर्न प्रदेश बनेगा. इस यूनिट का नाम सृष्टि के रचियता 'ब्रह्मा' के नाम पर रखा गया है. यहां रेल के डिब्बों का निर्माण होगा, रेलवे के कई उत्पाद यहां बनाए जाएंगे. 1800 करोड़ की लागत से ये इकाई निर्मित होगी. इसका कार्य दो साल में पूर्ण करने का लक्ष्य है. यहां बने रेल कोच भारत के ट्रांसपोर्टेशन को गति देंगे.  यहां तेजी से दौड़ने वाले कोच बनेंगे. मुझे विश्वास है कि बीईएमएल देश के आर्थिक विकास को गति देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक विकास को बल दे रहे हैं.  उन्होंने स्वदेशी को प्रोत्साहित किया है. आज बड़ी-बड़ी मशीनें भारत की धरती पर तैयार हो रही हैं. हम दूसरे देशों को भी उत्पाद बेच रहे हैं. भारत 2014 में दुनिया के देशों में अर्थव्यवस्था के मामले में 15वें स्थान पर था, वह अब दुनिया के 4 देशों की कतार में आकर खड़ा हो गया है.

राजनाथ सिंह ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की गति से आगे बढ़ रही है, जो विकासशील देशों में सर्वाधिक है. आज दुनिया ने यह मान लिया है कि भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह गौरव का विषय है,  कुछ लोगों को हमारा विकास रास नहीं आ रहा है. बहुत लोग कोशिश कर रहे हैं कि भारत की धरती पर भारतवासियों के हाथों से बनी चीजें महंगी बन जाएं, लेकिन कोई भी देश भारत को दुनिया की बड़ी शक्ति बनने से नहीं रोक सकता. पहले हम दूसरे देशों से उपकरण खरीदते थे. अब बहुत सारी चीजें मेक इन इंडिया के माध्यम से बना रहे हैं, दूसरे देश हमारे बनाए रक्षा उपकरणों को खरीद रहे हैं. 2014 के बाद भारत का रक्षा क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ा है. पहले भारत से 600 करोड़ का निर्यात था, जो अब 24 हजार करोड़ से अधिक हो चुका है.

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