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Navratri: यहां आल्हा-उदल हजारों साल से कर रहे मां की पूजा, कपाट बंद होते ही बजती है घंटियां

MP News: मंगलवार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. ऐसे में मैहर के शक्तिपीठ मां शारदा मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. आज हम आपको शारदा माता के मंदिर के बारे कुछ अनोखी बातें बताएंगे. 

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Navratri: यहां आल्हा-उदल हजारों साल से कर रहे मां की पूजा, कपाट बंद होते ही बजती है घंटियां
Mahendra Bhargava|Updated: Apr 17, 2024, 02:10 PM IST
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Sharda Mata Mandir Maihar: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत सोमवार 9 अप्रैल से हो रही है और इसका समापन ठीक 9 दिन बाद 17 अप्रैल को होगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का आरंभ होता है और यह नवमी तक रहता है. दशमी तिथि के बाद नवरात्रि का व्रत पूरा किया जाता है. देश के 52 शक्तिपीठों के साथ ही सभी देवी के मंदिरों में नवरात्रि पर मेले लगते हैं. आज हम आपको मां के 52शक्तिपीठों में से मैहर के मां शारदा मंदिर के बारे में कुछ बातें बताएंगे.  

मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकुट पर्वत पर स्थित मां शारदा के मंदिर को मैहर देवी का शक्तिपीठ कहा जाता है. यहां नवरात्रि के मौके पर हर साल नौ दिनों तक मेला लगता है. वहीं लाखों लाख की संख्या में भक्त मां के दरबार मे माथा टेकने पहुंचते हैं. भक्तों का मानना है कि यहां मांगी हर मुराद पूरी होती हैं. साथ ही जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं होती है वो अपनी मनोकामना को लेकर मां के पास आती है. मां शारदा उनकी मनोकामना पूरी करती है. इसलिए भक्ति की मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है. 

हार के नाम पर शहर का नाम मैहर पड़ा
मां शारदा के हार पर ही इस शहर का नाम मैहर रखा गया है. मान्यता के अनुसार यहां मां सती का हार गिरा था. इसलिए इसे शक्तिपीठों में गिना जाता है. त्रिकुट पर्वत में 1,063 सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही मां के दर्शन किए जा सकते हैं. हालांकि अब यहां रोपवे की सुविधा भी शुरू हो गई है, जिससे श्रद्धालु माता के दर्शन आसानी से कर पाते हैं. एमपी का मैहर मंदिर पूरे भारत में माता शारदा का एकमात्र मंदिर है.

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आल्हा और ऊदल ने की थी माई के इस मंदिर की खोज
इतिहासकारों का कहना है कि जंगलों के बीच मां शारदा देवी के इस मंदिर की खोज सबसे पहले वीर आल्हा और उदल नाम के दो भाइयों ने की थी. वीर आल्हा ने यहां 12 साल तक मां की तपस्या की थी. वे उन्हें माई कहते थे. इसलिए शारदा माई का नाम यहां प्रचलन में है. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि आदि गुरू शंकराचार्य ने 9वीं-10वीं सदी में पहली बार यहां पूजा की थी.

मंदिर में आज भी भक्त आल्हा करते हैं पूजा
मंदिर के पुजारी सुमित महाराज का कहना है कि शाम की आरती के बाद जब सभी पुजारी मंदिर के कपाट बंद करते हैं. तब मंदिर के अंदर से घंटी और पूजा की आवाज आती है. लोगों का कहना है कि मां के भक्त आल्हा आज भी यहां मां शारदा की पूजा करने आते हैं. अक्सर वे सुबह की आरती करते हैं और हर दिन जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो कुछ न कुछ रहस्यमयी चमत्कार देखने को मिलता है. 

नवरात्रि मेले को लेकर पुख्ता इंतजाम
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित मां शारदा शक्तिपीठ मंदिर में भी चैत्र नवरात्रि के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यहां प्रतिदिन करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है इसलिए वहां सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम कर लिए गया हैं. रेलवे स्टेशन से लेकर मां के गर्भगृह तक करीब एक हजार पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे. अभी हाल में ही रोपवे के मेंटेनेंस का कार्य पूरा हुआ है.

पुलिस का बंदोबस्त
जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमा तक जोरशोर से दर्शनार्थियों के स्वागत, सत्कार और सुरक्षा के इंतजाम में जुटा है. 9 दिवसीय मेले के लिए पुलिस मुख्यालय से पर्याप्त बल उपलब्ध कराया गया है जिनमें दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 13 डीएसपी और इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल हैं.

रिपोर्ट: नजीम सौदागर, मैहर

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