Chhindwara News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से मानवता को झकझोर देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. ये मामला दिव्यांग बालिका छात्रावास का बताया जा रहा है . यहां एक दिव्यांग बच्ची के हाथों को सिर्फ इसलिए जलाया गया क्योंकि उसने अपने कलाई पर धार्मिक धागा बांध रखा था. कलाई पर धागा देखकर हॉस्टल की महिला कर्मचारी ने बच्ची के हाथों को चोटिल किया है.
क्या है पूरा मामला
पूरी घटना छिंदवाड़ा स्थित दिव्यांग बालिका छात्रावास का बताया जा रहा है. यहां एक 10 साल की बच्ची ने हॉस्टल की महिला कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाया है. बच्ची का आरोप है कि उसने अपने हाथ में बंधे धार्मिक धागे को काटने से इनकार किया था. इससे नाराज होकर हॉस्टल की महिला कर्मचारी आराधना पाटिल ने गर्म लोहे की वस्तु से उसके दोनों हाथों को दाग दिया. बच्ची के हाथों पर जलने के निशान साफ दिखाई पड़ रहे हैं. वहीं परिवार वालों का कहना है कि इस घटना से बच्ची के मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है.
महिला कर्मचारी ने खारीज किए सभी आरोप
वहीं जब महिला कर्मचारी से इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने अपने उपर लगे सभी आरोपों को गलत साबित किया है. महिला कर्मचारी का कहना है कि बच्ची द्वारा झूठी कहानियां बनाई जा रही है. उसे मैंने नहीं जलाया है बल्कि बच्ची ने खुद अपने आप को चोटिल किया है. महिला द्वारा ये भी कहा गया कि बच्ची को कई बार देखा गया है खुद को नुकसान पहुंचाते हुए. कई समय पहले उसने अपनी इन्हीं आदतों की वजह से कान को नुकासान पहुंचाया था.
ना सिर्फ जलाया बल्कि मारा भी...
वहीं जब बच्ची से इस मामले में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पाटिल मैडम ने ही उसे जलाया है. मैडम ने जलाते समय किसी दूसरी मैडम को इसके बारे में न बताने की धमकी भी दी थी. इतना ही नहीं, लोहे की गर्म वस्तु से जलाते समय उन्होंने मेरे मुंह में कपड़ा भी डाल रखा थी जिससे मेरी आवाज बाहर किसी को सुनाई न दें. इस पूरे मामले में एपीसी गजेंद्र ठाकुर ने कहा है कि बच्ची के लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाएगी और सच्चाई सामने लाई जाएगी.
रिपोर्ट: रूपेश कुमार, छिंदवाड़ा