MP News: डिंडोरी में जल संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अमृत सरोवर योजना के तहत बनाया गया तालाब भृष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इस योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. कई सरोवर पूरी तरह से सूख चुके हैं. जल संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी सरोवर पूरी तरह से सूखे पड़े हुए हैं.
पूरा मामला अमरपुर जनपद क्षेत्र के रमपुरी ग्राम पंचायत का है. करीब दो साल पहले ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा अमृत सरोवर योजना के तहत चालीस लाख रुपये लागत से सरोवर का निर्माण कराया गया था. सरोवर में एक बूंद पानी का संरक्षण नहीं किया जा सका है. गर्मी का मौसम आने के पहले ही सरोवर पूरी तरह सूख चुका है. लिहाजा सूख चुके सरोवर के अंदर ग्रामीणों ने अब खेती करना शुरू कर दिया है.
तालाब में लहलहा रही फसल
तस्वीर बताती है कि सरोवर के अंदर जहां पानी भरा होना चाहिए था वहां चना, गेंहू और मटर की फसल लहलहा रही है. ग्रामीणों के मुताबिक सरोवर निर्माण के नामपर सिर्फ ढांचा खड़ा कर दिया गया है. यदि सरोवर में पानी होता तो आसपास के खेतों में सिंचाई के लिए पानी का इंतजाम होता एवं मत्स्य पालन के साथ साथ जलसंकट से निजात मिल पाता.
भ्रष्टाचार पर क्या बोले जिम्मेदार
अधिकारियों ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया. ग्रामीणों ने अमृत सरोवर योजना के तहत हुए सरोवर निर्माण में कई बार शिकायत किया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अबतक उनकी कोई सुध नहीं ली है. वही जिले के कार्यपालन यंत्री अमृत सरोवर में हुई गड़बड़ी को सुधार करने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कहते नजर आ रहे हैं. सवाल तो यही है कि जल संरक्षण की बजाय लाखों के सरोवर पर खेती कैसे हो रही है अगर निर्माण कार्य सही तरीके से किया जाता तो केंद्र सरकार के अति महत्वकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ती.