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Bageshwar Dham: धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, बोले मंदिरों ही नहीं मस्जिदों में भी होना चाहिए ये काम

Bageshwar Dham: धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत हो गई है. यात्रा शुरू करने के दौरान उन्होंने एक बार फिर मस्जिदों को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. आइए जानते हैं कुछ बोले...

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Bageshwar Dham: धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, बोले मंदिरों ही नहीं मस्जिदों में भी होना चाहिए ये काम
Shubham Kumar Tiwari|Updated: Nov 21, 2024, 12:11 PM IST
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Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री  ने आज से 160 किलोमीटर लंबी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत कर दी है. यह यात्रा मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से शुरू हो चुकी है. जो ओरछा तक जाएगी. इस यात्रा की शुरुआत धीरेंद्र शास्त्री ने  भगवा ध्वजारोहण, हनुमान चालीसा पाठ और राष्ट्रगान के साथ किए हैं. इस दौरान उन्होंने मस्जिदों को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दे दिया है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है?

आरती के बाद होनी चाहिए राष्ट्रगीत
आज से  बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 160 किलोमीटर लंबी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुरू हो गई है. इस यात्रा में शामिल होने के लिए छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में हजारों भक्त इकट्ठा हैं.  आज से ओरछा के राजाराम धाम के लिए हिन्दू एकता पद यात्रा 29 नवंबर तक चलेगी. इस पदयात्रा की शुरुआत में धीरेंद्र शास्त्री ने एक और बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि  मंदिरों में आरती के बाद हो राष्ट्रगीत होना चाहिए. ऐसा ही मस्जिदों में भी होना चाहिए. इससे स्पष्ट हो जाएगा कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त.

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, "सनातनी एकता पदयात्रा का मुख्य लक्ष्य भेदभाव और जातिवाद को दूर करना है लेकिन अगर यह (आरती के बाद राष्ट्रगीत का गायन) मंदिरों में करने की कोशिश की जाए, तो यह बहुत बढ़िया और अभिनव होगा. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त. मस्जिदों में भी ऐसा किया जाना चाहिए."

आदिवासियों के बीच जाकर करनी होगी कथा
वहीं, आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि हम उन तक नहीं पहुंच पाते और वे शहरों में नहीं आ पाते. यह दूरी तय करके यह अंतर कैसे भरा जा सकता है? हमें उनके बीच जाकर कथा करनी होगी, उन्हें मंच पर बुलाना होगा लेकिन बाद में भूल जाना होगा. धार्मिक नेताओं, संतों, आचार्यों को उन अनादिवासियों के पास जाना होगा जो गैर-हिंदू बनने वाले हैं. धर्मांतरण रोकने का यही एकमात्र तरीका है."

ये 2024 के जगे हुए हिंदू हैं...
पदयात्रा की शुरुआत में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- "हजारों की भीड़ और फ्लैशलाइट आपको क्या बता रही है, बागेश्वर में यह जगे हुए भारत के 2024 के जगे हुए हिंदू हैं. अब वह हिंदू नहीं बचे हैं कि तुम हमें थप्पड़ मारोगे और यह भाग जाएंगे. यह वह हिंदू है जिन्हें छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं. यह हिंदू हिंसा वादी नहीं अहिंसा वादी है क्योंकि उनके हाथ में तलवार नहीं है, विचार की तलवार है. हम इन हिंदुओं के हाथों में सच्चाई की किताब देना चाहते हैं. इन हिंदुओं के हाथों में रामायण और गीता देना चाहते हैं. इन हिंदुओं के हाथों में हम तर्क वादी सोच देना चाहते हैं. इन हिंदुओं के हाथों में हम हक के लिए लड़ने का अधिकार देना चाहते हैं. हम चाहते हैं हिंदू हक की बात बोलें, संविधान की बात बोलें, देश की एकता की बात बोलें. इनको कोई छेड़े तो यह किसी को छोड़े नहीं."

हिंदू राष्ट्र होकर रहेगा देश
जी मीडिया से बातचीत के दौरान बाबा बागेश्वर बोले आबहिंदू अब एकजुट हो गया है ये भीड़ बताती है. बाबा बागेश्वर ने कहा हैदराबादी देख ले सनातन हिंदू एकता की हिंदुओं की भीड़ .देश अब यह हिंदू राष्ट्र देश होकर रहेगा. बागेश्वर धाम राष्ट्रगान तिरंगा लहराने पर कहा कि देश से बड़ा कुछ नही. जो राष्ट्रगान,भारत माता की जय नहीं बोलेगा, उसे भारत में रहने का अधिकार नहीं है. 

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