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Damoh Fake Degree Case: शिक्षक भर्ती स्कैम को लेकर पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप, मामला दबाने की कोशिश

Madhya Pradesh: दमोह जिले के फर्जी डिग्री मामले में पुलिस और प्रशासन पर मामला दबाने के आरोप लग रहे हैं. 16 मई को कलेक्टर शिक्षकों पर FIR के निर्देश दे चुकी है. आरोप पर दमोह एएसपी सुजीत सिंह भदौरिया का बयान आया है. 

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Damoh Fake Degree Case Serious allegations on police and administration
Damoh Fake Degree Case Serious allegations on police and administration
Zee Media Bureau|Updated: Jul 25, 2025, 12:08 PM IST
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Teacher Recruitment Scam In Damoh: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में फर्जी डिग्री मामले में नई खबर आई है. जिले में शिक्षकों की भर्ती में हुए घपले को लेकर अब पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की टीम मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. बता दें फर्जी डिग्री का मामला लगभग 2 साल पहले उठा था, लेकिन इतने लंबे समय से ना तो एफआईआर हुई, ना ही कोई ठोस कार्रवाई की गई. बाद में मामला हाई कोर्ट में गया. ताजा बात करें तो भी 2 माह से एक्शन नहीं हुआ. कलेक्टर शिक्षकों पर एफआईआर करने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन आगे की कार्रवाई पता नहीं चली. 

ज्यादातर मामले साल 2007-2008 के
इनमें से कुछ शिक्षक ऐसे भी है, जो 20-20 सालों से नौकरी कर रहे हैं और सरकार का करोड़ों रुपए ले चुके हैं. मामला दोबारा बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने 24 शिक्षकों पर FIR कराने के निर्देश दिए थे. इन 24 में से 10 शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर दी गई थी. फिलहाल तक की जांच में 40 टीचरों के पास फर्जी मार्कशीट भी मिली थी. ये डिग्री डीएड, बीएड, स्नातक की हैं. FIR के बाद फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाले गिरोह की छानबीन शुरू की और गिरोह का पता लगते ही धड़पकड़ की गई. उस गिरोह से पूछताछ की जा रही है. पिछले डेढ़ से दो साल में कई शिकायतें हुई. इनमें से ज्यादातर मामले साल 2007-2008 में हुई शिक्षक परीक्षा के हैं. यानि अगर शिकायतों पर सही तरीके से जांच होती तो मामले में कई और खुलासे अभी तक हो चुके होते.  

पुलिस पर गंभीर आरोप क्यों
पुलिस और प्रशसन पर मामला दबाने के गंभीर आरोप इसलिए लग रहे हैं क्योंकि 16 मई को कलेक्टर ने  एसपी को आरोपित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 24 जुलाई तक कोई एक्शन नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि पुलिस ने कलेक्टर को वापस लेटर लिखा है, जिसमें शिक्षा अधिकारियों से कहा है अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज करवाने को. यानि बॉल इस पाले से उस पाले घूम रही है. इसमें शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही कही जा सकती है. पत्रिका से की बात में दमोह एएसपी सुजीत सिंह भदौरिया ने कहा कि 'प्रकरण में पत्र प्राप्त होने के बाद शिक्षा विभाग को उनके स्तर पर अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज कराने के लिए लिखा गया था, वहां से एफआइआर क्यों दर्ज नहीं कराई गई, जानकारी लेते हैं'. वहीं डीइओ दमोह एसके नेमा का कहना है कि 'एसपी कार्यालय से पत्र के माध्यम से विभाग के माध्यम से थानों में एफआइआर दर्ज कराने को लिखा था. सभी बीइओ के लिए फर्जी शिक्षकों के मामले में एफआइआर कराने निर्देशित किया गया था.  अभी तक एफआइआर नहीं कराई तो नोटिस जारी होगा. 

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