MP News: मध्यप्रदेश के मंदसौर में लहसुन के घटते दामों से किसान परेशान हैं. हालत इतने बदतर हैं कि मुनाफा तो दूर किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. किसानों के इस संकट पर अब सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस किसानों के साथ लहसुन के घटते दामों के लिए सरकार को दोषी ठहराकर प्रदर्शन कर रही है. बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रही है.
पिपलियामंडी में कांग्रेस नेताओं ने खेतों पर जाकर किसानों के साथ प्रदर्शन किया और लहसुन को कफन ओढ़ाकर फूल माला चढ़ाई. गौरतलब है कि लहसुन के दाम अब घटकर पांच हजार से दस हजार रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि किसानों ने 55 हजार रूपये किलो के महंगे बीज खरीदकर फसल की बुआई की थी.
मंदसौर कृषि उपज मंडी में लहसुन के दामों में भारी गिरावट आई है, जिससे किसान चिंतित हैं. पिछले कुछ दिनों में लहसुन के भाव 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल से घटकर 4 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए 2-3 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. नगरी से आए किसान प्रभुलाल धाकड़ ने बताया कि दो दिन की प्रतीक्षा के बाद उन्हें रात को मंडी में प्रवेश मिला. उन्होंने बताया कि जब वे कतार में थे, तब लहसुन का भाव 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल था, लेकिन अब वही लहसुन 7-8 हजार रुपए में बिक रहा है. किसानों ने बीज के लिए 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल खर्च किए थे, जिससे अब उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.
रतलाम के बिलपांक से आए किसान नारायण चौधरी की स्थिति और भी खराब है. उनकी उपज केवल 4,800 रुपए प्रति क्विंटल में बिकी, जो उनकी लागत से भी कम. चार दिनों से मंडी में रहने का अतिरिक्त खर्च भी उन्हें उठाना पड़ रहा है. मंडी इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र भाभर के अनुसार, मंडी में लगभग 20 हजार बैग की आवक हुई है. रविवार को अवकाश के बाद सोमवार को मंडी फिर से खुलेगी. किसानों को आशंका है कि भावों में और गिरावट हो सकती है.