Shahdol News: ग्राम पंचायत कुम्हिया शासकीय योजनाओं और सरकारी रिकॉर्ड में सब कुछ दर्ज है. विद्यालय का नाम, विद्यालय कोड, यहां तक कि बच्चों के लिए बालक और बालिका शौचालय भी बन चुके हैं. एक हैंडपंप भी मौजूद है. लेकिन जिस चीज की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, विद्यालय भवन वह गायब है.
दरअसल, पूरा मामला शहडोल जिले के ब्योहरी के ग्राम पंचायत कुम्हिया का है. जहां पटपरी टोला में शासकीय माध्यमिक विद्यालय की बिल्डिंग का कोई नामोनिशान नहीं है. गांव पहुंचकर जब सरपंच शैलेन्द्र मिश्रा ने स्थिति देखी, तो हैरान रह गए. उन्होंने बताया – “मैं बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावकों को प्रेरित करने आया था, लेकिन यहां तो विद्यालय ही नहीं है. सिर्फ दो शौचालय और एक हैंडपंप दिख रहा है. इसकी शिकायत मैंने एसडीएम ब्योहरी से की है.”
जानिए क्या बोले एसडीएम
SDM व्यौहारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा- “आपके माध्यम से जानकारी मिली है. मैं स्वयं जाकर जांच करूंगा और यह पता लगाऊंगा कि विद्यालय की बिल्डिंग कहां गई. शौचालय बने हैं, इसका मतलब बजट स्वीकृत हुआ था, तो फिर भवन क्यों नहीं बना?” वहीं इसको लेकर ग्रामीणों में भी गहरी नाराजगी देखने को मिल रहा है. गांववालों का कहना है कि यह एक अनोखी और शर्मनाक स्थिति है. “बिना भवन के विद्यालय सिर्फ कागज़ों में है. यह घोर लापरवाही है. क्या बच्चों की पढ़ाई केवल रिकॉर्ड में चलेगी?”
Z मीडिया की ग्राउंड रिपोर्ट
Z मीडिया की टीम ने जब मौके का दौरा किया, तो पाया कि शौचालय और हैंडपंप ज़रूर बने हैं, लेकिन स्कूल की बिल्डिंग कहीं नहीं है. जमीन पर बोर्ड तक नहीं लगा है, जिससे पता चले कि यहां स्कूल होना चाहिए.
प्रश्न उठते हैं –
क्या भवन निर्माण की राशि का गबन हुआ?
क्या स्कूल केवल कागजों में चल रहा है?
जिम्मेदार कौन – निर्माण एजेंसी, पंचायत या शिक्षा विभाग?
किसने इस फर्जीवाड़े पर दस्तखत किए?
रिपोर्ट- - पुष्पेंद्र चतुर्वेदी, Z मीडिया शहडोल
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