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Gwalior News: आदेश मिलने के बाद भिखारियों को ढूंढने निकले शिक्षक, नाराज टीचर बोले- ये काम हमारा....

Gwalior News: ग्वालियर में जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर स्कूल शिक्षकों और प्राचार्यों को भिखारियों को ढूंढने का काम सौंपा गया है. शिक्षक यह काम भी कर रहे हैं और विरोध भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह गैर शैक्षणिक कार्य है.

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Zee Pramod Sharma |Updated: May 27, 2024, 04:27 PM IST
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Gwalior Latest News: ग्वालियर में एक आदेश को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल शिक्षकों और प्रिंसिपलों को भिखारियों को ढूंढने का काम सौंपा है. शिक्षकों का कहना है कि यह गैर-शैक्षणिक कार्य है और उन्होंने हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए विरोध जताया है. बता दें कि यह अभियान 22 मई से 9 जून तक चलेगा और इसका लक्ष्य बाल भिक्षावृत्ति को रोकना, बच्चों को पुनर्वासित करना और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है. शिक्षकों को 9 घंटे की ड्यूटी सौंपी गई है, जिस पर उनकी नाराजगी देखने को मिल रही है.

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जानिए पूरा मामला?
भीषण गर्मी में ग्वालियर की गलियों में शिक्षक भिखारियों को ढूंढ रहे हैं. दरअसल, ग्वालियर जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश हैं कि स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल द्वारा भिखारी को ढूंढा जाए. जिससे कुछ शिक्षक नाराज हो गए तो कुछ ने इसे नेक काम मानकर काम में जुट गए. शिक्षक भिखारियों की तलाश कर आदेश का विरोध कर रहे हैं. शिक्षक हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला दे रहे हैं.

विरोध के साथ काम में जुटे शिक्षक
शिक्षकों का कहना है कि गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने का आदेश जारी किया गया है. भिखारियों की तलाश में निकला. शिक्षक टीम के साथ निकले और अलग-अलग प्वाइंट पर पहुंचकर बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए कार्रवाई करते दिखे. शिक्षकों का कहना है कि यह काम अच्छा है. हालांकि, यह कार्य शिक्षकों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए. यह कार्य महिला एवं बाल विकास विभाग या किसी अन्य विभाग की मदद से कराया जा सकता था. कुछ शिक्षकों का कहना है कि एक तरफ ग्वालियर चंबल इलाके में भीषण गर्मी पड़ रही है,  दूसरी तरफ शिक्षकों को भिखारियों को पकड़ने के काम में जुटा दिया गया है.

गौरतलब है कि कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर यह कार्रवाई 22 मई से शुरू की गई है. बाल पुनर्वास नीति 2022 के तहत यह अभियान 22 मई से 9 जून तक 20 दिनों तक चलाया जाना है. इस अभियान के दौरान भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़ने, उनके पुनर्वास की व्यवस्था करने के साथ-साथ उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी. जिसको लेकर 9 घंटे की ड्यूटी शिक्षकों की लगाई गई है. हालांकि, इस तरह ड्यूटी को लेकर शिक्षकों ने अपना विरोध दर्ज कराया है.
 
रिपोर्ट: प्रमोद शर्मा (ग्वालियर)

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