Harda Urea Crisis: हरदा जिले में खाद संकट गहराता जा रहा है. यूरिया को लेकर हरदा में मारामारी है. खाद गोदाम के बाहर हंगामा देखने को मिल रहा है. जहां टोकन मिलने के बावजूद भी खाद नहीं मिल रहा है. खाद के दो काउंटर बंद होने के बाद किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात हैं.
मंगलवार शाम को खाद वितरण की सूचना जारी होते ही सैकड़ों किसान खाद गोदाम पर जुट गए. मक्का की फसल के लिए खाद की जरूरत के चलते किसान गोदाम पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे किसान कहते हैं कि लगातार चक्कर काटने के बावजूद पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में उन्होंने गोदाम पर ही रात बिताने का फैसला किया ताकि सुबह सबसे पहले खाद मिल सके.
यूरिया की किल्लत से किसान परेशान
दरअसल, हरदा में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं. इस साल किसानों ने सोयाबीन की जगह मक्का की खेती का रकबा तीन गुना बढ़ाया है, लेकिन समय पर यूरिया न मिलने से फसल को नुकसान का खतरा बढ़ रहा है. मंगलवार को प्रशासन ने एमपी एग्रो, डीएमओ गोदाम और सोसायटी के माध्यम से खाद वितरण की जानकारी दी, जिसके बाद सैकड़ों किसान गोदामों पर पहुंच गए. किसान बैरिकेड के बीच मच्छरों से जूझते हुए रात भर जागकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
खाली हाथ लौट रहें किसान
किसानों का कहना है कि अब उन्हें फसल बचाने के लिए यूरिया की तत्काल जरूरत है. इसलिए वे पूरी रात लाइन में रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि फसल बोने के एक महीने बाद भी एक बार यूरिया नहीं मिल पाया है, जिससे मक्का की फसल पीली पड़ने लगी है. किसानों का कहना है कि वे पहले भी कई बार लाइन में लगे, लेकिन बारी आने तक खाद खत्म हो जाती है और खाली हाथ लौटना है.
रिपोर्ट- अर्जुन देवड़ा, जी मीडिया, हरदा
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