Morena News: बारिश का सीजन चल रहा है. इस समय खासकर गांवों में लोग मच्छरों के आतंक से परेशान हैं. सरकार भले ही मच्छरों से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव करा रही है. लेकिन इसका असर कुछ देर बाद समाप्त हो जा रहा है और मच्छर अपना आतंक मचाना शुरू कर दे रहे हैं. गांवों में मच्छरों से बचने के एक ही उपाय मच्छरदानी है. इन सबके बीच आज हम आपको मुरैना जिले के एक ऐसे अद्भुत गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आधे गांव में मच्छर हैं और आधे गांव में आपको मच्छर ही नहीं मिलेंगे...
महाभारत की कुंती से जुड़ा है नाता
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, मुरैना के कुंतलपुर गांव की. यह वो कुंतलपुर है, जहां महाभारत की प्रमुख पात्र माता कुंती का ननिहाल था. कहा यह जाता है इसी कुंतलपुर में माता कुंती ने सूर्य देव का आह्वान किया था. यहां की आसन नदी पर सूर्यदेव का रथ आया और उनके द्वारा करण के रूप में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी.
जानिए क्यों आधे गांव में नहीं लगते हैं मच्छर
यहां के बुजुर्ग और स्थानीय लोगों की माने तो इस गांव में एक बार रात्रि जागरण के लिए गाने बजाने वाली मंडली आई हुई थी. पूरे गांव ने रत जगा (रात्रि जागरण) किया. जब सुबह का पहर हुआ तो लोगों को मच्छर काटने लगे. लोग मच्छर काटने से परेशान दिखाई दिए, तो गाने बजाने वाले ने मंत्रों के द्वारा मच्छरों को बांध दिया. लेकिन गाने बजाने वाले ने आधा गांव ही बांध पाया.
इसी दौरान किसी ग्रामीण ने उसकी हत्या इस वजह से कर दी कि अगर यह जीवित रहा तो यह मच्छरों को फिर से खोल देगा और हमारे गांव में मच्छर रहेंगे. लेकिन उसे गाने बजाने वाले ने आधे गांव के मच्छर ही बांध पाए तब तक उसकी हत्या हो गई, उसके बाद से इस गांव में आधे गांव में मच्छर हैं और आधे गांव में मच्छर नहीं हैं.
रिपोर्ट- करतार सिंह राजपूत, जी मीडिया, मुरैना
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