Bhind News: मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में एक बार फिर खून का बदला खून से लेने की कहावत चरितार्थ हुई है. भिंड जिले के इकोरी गांव में तेरहवीं के भोज में सनसनीखेज हत्याकांड हुआ. एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोलीबारी में चार और लोग घायल हुए हैं, जिन्हें मेहगांव अस्पताल से ग्वालियर रेफर किया गया है. हत्या की वजह 27 साल पहले अपने पिता की हत्या का बदला बताया जा रहा है. आरोपी ने 1998 में हुई अपने पिता की हत्या का बदला लिया. इस घटना ने एक बार फिर चंबल इलाके की पुरानी कहावत "खून का बदला खून" को सच कर दिया है.
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तेरहवीं के दौरान खूनी वारदात
दरअसल, जानकारी के मुताबिक भिंड जिले का गितोर गांव पिछले 39 सालों से लगातार और बदले की भावना से हो रही हत्याओं की आग में जल रहा है. गितौर गांव की धरती अब तक नौ लोगों के खून से रंग चुकी है. इसी बीच जिले के इकोरी गांव के विशंभर गुर्जर की तेरहवीं थी, जिसमें निमंत्रण के लिए गितोर गांव के पहलवान जतवीर सिंह गुर्जर पहुंचे थे और वो खाना खा रहे थे, उसी दौरान उनका सामना 1998 में मारे गए उदयभान सिंह गुर्जर के बेटे नीलू गुर्जर से हो गया, फिर उसने बंदूक से फायरिंग कर दी जिसमें चार गोलियां जतवीर सिंह गुर्जर को लगीं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. फायरिंग की वजह से चार और लोग घायल हुए हैं, जिन्हें मेहगांव अस्पताल से ग्वालियर रेफर किया गया है.
अब जानिए पूरा मामला
बताया जा रहा है कि 1986 में गितोर गांव के दो गुर्जर परिवारों सिरनाम सिंह गुर्जर और पहाड़ सिंह गुर्जर के बीच जमीनी विवाद शुरू हुआ था, जिसमें सरनाम सिंह गुर्जर की हत्या कर दी गई थी. इसका बदला लेने के लिए 28 जुलाई 1987 को सतनाम गुर्जर के परिवार के लोगों ने धनौली मोड पर घात लगाकर हमला कर पहाड़ सिंह गुर्जर, राम नारायण सिंह, गुर्जर सुरेश सिंह गुर्जर, वीरेंद्र सिंह गुर्जर, प्रहलाद सिंह गुर्जर, पुरंदर सिंह गुर्जर के पांच लोगों की हत्या कर दी थी. इसके बाद भी बदले की आग शांत नहीं हुई तो 8 अक्टूबर 1998 को इसी परिवार के उदयभान सिंह गुर्जर की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 2004 में जतवीर सिंह के ताऊ की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद दोनों पक्षों के कई लोगों ने कई साल जेल में बिताए और सजा काटकर बाहर आए. दोनों पक्षों के कुछ लोग गांव में ही रहने लगे तो कुछ अन्य गांव छोड़कर बाहर बस गए. लेकिन बदले की आग दिलों में जलती रही, जिसका नतीजा आज एक बार फिर सामने आया.
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मौके पर पहुंची पुलिस
साल 1987 में हुई पांच हत्याओं और वर्ष 1998 में हुई उदयभान सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए ईकोरी गांव में तेरहवीं के निमंत्रण के दौरान दोनों गुट आमने-सामने आ गए और दूसरे गुट के पहलवान जतवीर सिंह सामने की गोली मारकर हत्या कर दी गई. निमंत्रण में गए चार और लोग राजेश जैन उर्फ कालू, सहदेव सिंह भदौरिया, शैलेंद्र गुर्जर, हरिओम गुर्जर इस गोलीकांड में घायल हो गए, जिन्हें मेहगांव अस्पताल से ग्वालियर रेफर किया गया है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच शुरू कर दी है.
रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा
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