MP News: बिहार में हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के बीच मध्य प्रदेश से भी एक बड़ी खबर सामने आई है. एमपी इलेक्शन कमीशन की तरफ से जो आंकड़े सामने आए हैं, उनमें कुछ चौंकाने वाली बात सामने आई है. दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग नई रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में 1697 ऐसे पते मिले हैं, जहां एक ही घर में 50 या उससे ज्यादा मतदाता रजिस्टर्ड हैं, इनमें नगरीय निकाय और पंचायत क्षेत्र दोनों ही शामिल हैं. बताया जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जब उपचुनाव को लेकर मतदाता सूची का डेटा तैयार करवाया था, उसमें यह जानकारी सामने आई है. जिसके बाद इस पर जांच शुरू हो गई है.
एमपी निर्वाचन आयोग का एक्शन
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट में यह गड़बड़ी उजागर होने के बाद अब इस पर जांच करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डवलपमेंट कॉरपोरेशन के सॉफ्टवेयर से जब वोटर लिस्ट का मिलान करवाया तो इस बात की जानकारी सामने आई है. जिसके बाद एमपी इलेक्शन कमीशन ने एक ही पते पर रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या को पांच श्रेणियों में बांटा है, जिसमें सबसे ज्यादा फर्जी मामले चंबल संभाग में मिले हैं. यहां की कई नगर पालिकाओं और पंचायतों में एक ही मकान में 50 से ज्यादा मतदाता रजिस्टर्ड है. जिसके बाद इनका अब मिलान करवाया जाएगा.
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इन जिलों में मिली गड़बड़ी
मध्य प्रदेश के जिन जिलों के निकायों और पंचायत क्षेत्रों में गड़बड़ी मिली है, उनमें सीहोर, मंदसौर, मुरैना, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर और अशोकनगर शामिल है, इसके अलावा सागर जिले की मकरोनिया नगर पालिका में भी तय संख्या से ज्यादा मतदाता मिलने का मामला सामने आया है. इसके अलावा पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भी इस तरह की गड़बड़ियां मिली हैं. वहीं भोपाल में भी 81 पते ऐसे मिले हैं, जहां 50 से ज्यादा वोटर एक ही घर में रजिस्टर्ड हैं.
एमपी इलेक्शन कमीशन करेगा जांच
बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग जल्द ही इन पतों पर जांच कराएगा, क्योंकि जहां पर जरूरत से ज्यादा मतदाता दर्ज हैं, उन सभी की अब फील्ड वेरिफिकेशन करवाई जाएगी, ताकि जांच में यह स्पष्ट हो सके कि कौन सा नाम फर्जी है और कौन सा नाम सही है. अगर फर्जी नाम पाए जाएंगे तो उन्हें तुरंत ही मतदाता सूची से डिलीट कर दिया जाएगा. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह की तरफ से यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उनका कहना है कि संदेहास्पद पते चिह्नित हो चुके हैं, जल्द ही यहां सत्यापन का काम चलाया जाएगा और इसकी प्रक्रिया आगे भी लगातार चलती रहेगी. (सोर्स दैनिक भास्कर)
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