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बच्चों-महिलाओं के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा! केंद्र ने दी चेतावनी ने सबको चौंकाया

Health News: देश के लोगों में लगातार बढ़ रही मोटापे की समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि आंगनबाड़ी और टेक राशन के जरिए जो भोजन और नाश्ता दिया जा रहा है, उसमें तय मात्रा से ज्यादा नमक-चीनी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इससे बच्चों और महिलाओं पर काफी असर पड़ रहा है.    

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बच्चों-महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर!
बच्चों-महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर!
Manish kushawah|Updated: Jun 17, 2025, 03:18 PM IST
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MP Health News: देश में कई लोग ऐसे हैं, जो एक सबसे बड़ी समस्या मोटापे से जूझ रहे हैं. इसको देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से सख्ती शुरू कर दी है. खासतौर पर मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने आहार में नमक चीनी की मात्रा को सीमित रखा जाए. ताकि बढ़ते मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर के शिकार न हो. वहीं केंद्र के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से सभी राज्य के मुख्य सचिवों और संबंधित विभाग को पत्र भेजे गए हैं. 

इस पत्र के अनुसार, कई जगहों पर आंगनबाड़ी और टेक होम राशन के जरिए जो भोजन और नाश्ता दिया जा रहा है, उसमें तय मात्रा से ज्यादा नमक, चीनी और कृत्रिम रंग इस्तेमाल हो रहे हैं. इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों का हवाला देते हुए कहा है कि इस तरह के मामलों पर तुरंत रोक लगाई जाए और आहार की गुणवत्ता में सुधार किया जाए.

बच्चों को ज्यादा चीनी न दें 
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मिली जानकारी के अनुसार, बच्चों और बड़ों के भोजन में कुल पोषण का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा ही चीनी से आना चाहिए और नमक की मात्रा कुल एनर्जी का सिर्फ 5 प्रतिशत होनी चाहिए. वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन का कहना है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को अतिरिक्त चीनी बिल्कुल नहीं देनी चाहिए. उनके भोजन में गुड़ का सीमित उपयोग किया जा सकता है, लेकिन वह भी बहुत कम मात्रा में होना चाहिए.

मापदंडों की फिर से समीक्षा 
मध्यप्रदेश सरकार वर्तमान में पोषण आहार योजना के तहत 80 लाख से अधिक बच्चों और महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवा रही है. इसमें 6 माह से 6 साल तक के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और दूध पिलाने वाली माताएं शामिल हैं. लेकिन अब केंद्र के निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार को अपने भोजन के मापदंडों की फिर से समीक्षा करनी होगी, ताकि जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी से होने वाले खतरे से बचा जा सके.

स्वाद के साथ-साथ सेहतमंद
विशेषज्ञों की मानें, तो जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी के सेवन से बच्चों और महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज और दांतों की समस्याएं बढ़ सकती हैं. इसलिए अब वक्त आ गया है कि पोषण को लेकर गंभीरता दिखाई जाए और सरकार के साथ-साथ आम लोग भी इस दिशा में जागरूक हों. आंगनबाड़ी केंद्रों को यह ध्यान रखना होगा कि बच्चों को जो भी आहार मिले, वह स्वाद के साथ-साथ सेहतमंद भी हो. (सोर्सः पत्रिका)

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