MP News: भगवान श्रीकृष्ण के जहां-जहां चरण पड़े थे और जहां उन्होंने समय बिताया था, वहां 'श्रीकृष्ण पाथेय' बनाए जाने का काम किया जाना है. इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 13 अन्य राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त योजना तैयार करके के काम करेगा. मोहन सरकार ने इस दिशा में काम तेज करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि एमपी सरकार ने पहले ही श्रीकृष्ण पाथेय पर काम करने की योजना बनाई थी, जिसमें अब संयुक्त रूप से उन राज्यों को भी शामिल किया जाएगा, जिनका संबंध भगवान श्रीकृष्ण से रहा है. इसके लिए एक पूरी कमेटी और एक्सपर्ट टीम बनाई जाएगी, जो इस योजना पर काम करेगी.
मोहन कैबिनेट दे चुकी है मंजूरी
दरअसल, सीएम मोहन यादव ने श्रीकृष्ण पाथेय बनाने का ऐलान किया था, इस योजना के लिए मोहन कैबिनेट की तरफ से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, ऐसे में अब संस्कृति विभाग को श्रीकृष्ण पाथेय न्यास का रजिस्ट्रेशन जल्द कराने के साथ-साथ न्यास को एक्टिव कराने के निर्देश भी मोहन सरकार ने दिए हैं. सीएम मोहन ने कहा था कि एमपी और राजस्थान की तरफ से एक डिटेल कार्ययोजना बना ली गई थी, जबकि अब योजना को अमल में लाने के लिए दोनों ह राज्यों के विद्वानों की एक जाइंट कमेटी भी बनेगी. जहां-जहां से भगवान श्रीकृष्ण गुजरे थे उस पर यह कमेटी काम करेगी और कार्य योजना तैयार करेगी. इसी में अब और अन्य राज्यों को जोड़ने पर काम किया जा रहा है.
इन राज्यों के साथ तालमेल बनाएगा मध्य प्रदेश
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इन सभी राज्यों के साथ कार्ययोजना का विस्तार किया जाएगा. इसके लिए उज्जैन, जयपुर, भोपाल और भरतपुर में बैठकों का आयोजन होगा, बताया जा रहा है कि सीएम मोहन ने इस मामले में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा से पहले ही चर्चा कर ली थी, जबकि पिछले दिनों भोपाल पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस से भी इस दिशा में चर्चा की जा चुकी है. बताया जा रहा है कि जल्द ही अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की जाएगी. जबकि एमपी सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय न्यास और एक्सपर्ट कमेटी में जिन पदाधिकारियों और संतों को शामिल करना है, उनके नाम भी फाइनल कर लिए हैं.
श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को संवारा जाएगा
दरअसल, योजना के तहत जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं उन स्थानों को संवारा जाएगा. जैसे उज्जैन के सांदीपनि गुरुकुल की पुर्नस्थापना उज्जैन में होगी, जहां 64 कलाओं और 14 विद्याओं की शिक्षा दी जाएगी, भगवान श्रीकृष्ण ने यही से अध्यन किया था. उज्जैन के अलावा इंदौर, जानापाव जैसे स्थलों को भी विकसित किया जाएगा. इसके अलावा अन्य राज्यों में जहां-जहां भगवान के चरण पड़े हैं वहां काम होगा.
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