MP News: मध्य प्रदेश में हर साल सांप के काटने से ढाई हजार लोगों की मौत हो जाती है, जबकि इस साल अब तक 4000 हजार से ज्यादा लोगों को सांप ने काटा है. भले पिछले साल के मुताबिक यह आंकड़े थोड़े कम हैं, लेकिन सांपों के कांटने के यह आंकड़े हैरान करने वाले हैं. क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का सर्पदंश का शिकार होना बड़ी बात है. सर्पदंश से सबसे ज्यादा ग्रसित सागर जिला है, यहां सबसे ज्यादा सांप काटने के मामले सामने आए हैं. हालांकि सरकार ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में सांप काटना अब एक स्थानीय आपदा के तहत आता है. ऐसे में गांवों में सर्पमित्रों की भर्तियां भी की जा रही है. जबकि लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में सुविधा भी दिलाई जा रही हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में सांप काटने के यह आंकड़े एम्बुलेंस 108 की तरफ से एमपी स्नेक बाइट केस रिपोर्ट के तहत जारी किए गए हैं.
मध्य प्रदेश में ढाई हजार लोगों की मौत
इन आंकड़ों में बताया गया कि सांप काटने से मध्य प्रदेश में ढाई हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवाते हैं. साल 2024 में 4 हजार 933 लोगों को सांप ने काटा था. जबकि 2025 में जून के महीने तक ही 4 हजार 205 लोगों को सांप ने काटा है. इन सभी को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाय गया था. जिसके तहत यह आंकड़े थे. लेकिन कई लोग अपने वाहनों से भी अस्पताल जाते हैं जो इन आंकड़ों में शामिल नहीं हैं, ऐसे में यह संख्या और भी बड़ी हो सकती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2020 से लेकर 2024 के बीच में 10 हजार 700 लोगों को सांप के काटने से मौत हुई है. यह आंकड़े हैरान करने वाले हैं, क्योंकि यह बड़ी समस्या नजर आती है.
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सरकार ने सांप काटने से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा भी दिया है. हर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है, जिससे सरकार को इन चार सालों में 427 करोड़ रुपए का भार भी आया था. अगर गौर किया जाए तो इतने पैसों से एक बड़ा अस्पताल बनाया जा सकता था या फिर हर जिले के जिला अस्पताल में कोई बड़ी सुविधा शुरू की जा सकती है.
सागर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित (जून 2025 तक के आंकड़े)
भोपाल में 68 लोगों को कांटा
राजधानी भोपाल में भी सांप काटने के आंकड़े बढ़े हैं, यहां जून 2025 तक 68 लोगों को सांप ने काटा है. जिन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा गया था. वहीं भोपाल में सर्पदंश से 8 लोगों की मौत हुई है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने अब इसे स्थानीय आपदा माना है. लेकिन सांप काटने के यह आंकड़े चिंता का सबब भी बनते जा रहे हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग भी हैरान नजर आता है. दरअसल, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा जंगल हैं, ऐसे में यहां सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं.
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