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MP विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव ने खींचा सबका ध्यान

MP Vidhan Sabha: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार के दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार देखने को मिली, लेकिन इस दौरान एक बड़ा रिकॉर्ड भी सदन में बन गया. 

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एमपी विधानसभा सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा
एमपी विधानसभा सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा
Arpit Pandey|Updated: Jul 03, 2024, 09:15 AM IST
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MP Vidhan Sabha Session: नर्सिंग घोटाले पर मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है. मंगलवार को भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर स्थगन प्रस्ताव की तरह चर्चा चली थी. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के दौरान तीखी नोकझोंक हुई. लेकिन इस चर्चा में एक बड़ा रिकॉर्ड भी बन गया. मध्य प्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार किसी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सबसे लंबी चर्चा हुई है. 

4 घंटे तक चली चर्चा

मध्य प्रदेश विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चार घंटे तक चर्चा चली. ऐसा पहली बार हुआ है जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर इतनी लंबी चर्चा चली हो. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर कई आरोप लगाए थे, जिनका जवाब डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने दिया. चर्चा नर्सिंग घोटाले पर चली. विपक्ष ने मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग की थी, जिसको लेकर सदन में जमकर हंगामा भी देखने को मिला. 

सिंघार-शुक्ला में हुई बहस 

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाया और बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया. उन्होंने सरकार पर नर्सिंग घोटाले का आरोप लगाते हुए तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री और वर्तमान सरकार में भी मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग की थी. विपक्ष के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जवाब दिए. उन्होंने कहा कि नर्सिंग मामले में जितनी भी गड़बड़ियां हुई है वह सब 2018 के बाद हुई है. इस दौरान राज्य में कमलनाथ सरकार थी. डिप्टी सीएम ने कहा कि नर्सिंग मामले में गड़बड़ी भी हुई और भ्रष्टाचार भी हुआ है.

राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश में कोर्ट के आदेश पर सरकार ने 66 अपात्र कॉलेजों को बंद करवा दिया है, लेकिन खास बात यह है कि इन कॉलेजों में  39 की मान्यता वर्ष 2019-20 में दी गई थी, तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. इसलिए हमारी सरकार इस मामले में गंभीरता से काम कर रही है. 

बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से 19 जुलाई तक चलने वाला है. इस दौरान कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होने वाली है. सदन के दूसरे दिन ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चार घंटे से भी ज्यादा चर्चा चलाकर नया रिकॉर्ड बनाया गया है. 

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