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श्योपुर में गजब खेला, मुस्लिमों को बनाया पंडित.. करवाई शादी, अब मच रहा बवाल

MP News: मध्य प्रदेश के श्योपुर से मुख्यमंत्री कन्यादना योजना के दौरान अजीब मामला सामने आया है. आरोप है कि अक्षय तृतीया के मौके पर श्योपुर में आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में पंडित की जगह मुस्लिम शिक्षक विवाह कराते नजर आए हैं.

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sheopur news
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Zee News Desk|Updated: May 01, 2025, 06:35 PM IST
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Sheopur Samuhik Vivah 2025: बीते 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के खास मौके पर मध्य प्रदेश के कई जिलों में मुख्यमंत्री कन्यादना योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था. आयोजन में एमपी के हजारों जोड़ों ने सामूहिक विवाह का हिस्सा बन अपनी नई जीवन की शुरूआत की. इसी बीच मध्य प्रदेश के श्योपुर में आयोजन को लेकर बड़ी चूक सामने आई, जहां विवाह संपन्न कराने का काम किसी पंडित ने नहीं बल्कि 10 मुस्लिम शिक्षकों ने किया. पता लगने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. 

क्या है पूरा मामला
बता दें कि अक्षय तृतीया के शुभ अवसर को देखते हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एमपी में कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया था. जिसके बाद से अब सम्मेलन को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, श्योपुर शहर के हैवी मशीनरी टीनशेड परिसर में बीते दिन इस योजना के तहत 231 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे थे. आयोजन की पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका और जनपद पंचायत को दी गई थी. अब आरोप ये है कि दूल्हा दुल्हन के पांडालों पर पंडित की जगह मुस्लिम टीचरों को बैठाया गया था जिन्होंने वर-वधू की शादी भी करवा दी. जिन जोड़ों को उसी समय पता चल गया वो बिना फेरे लिए ही वहां से लौट गए. 

हवन वेदी पर बैठे दिखे मु्स्लिम शिक्षक
घटना को लेकर आरोप ये भी लगाया जा रहा कि आयोजन में केवल एक शिक्षक नहीं बल्कि 10 मुस्लिम शिक्षकों को हवन वेदी पर बैठे देखा गया. शादी के लिए आए जोड़ों को जब इस बात की खबर लगी तो वे सभी ने दूसरे सम्मेलनों में जाकर हिंदू रीति-रिवाज से शादी की. मौके पर वही जोड़े रह गए थे जिनकी पहले ही शादी हो गई थी और वे योजना का लाभ लेने के लिए वहां दोबारा शादी करने पहुंचे थे. 

अफसर लापरवाही से कर रहे इनकार
मामला सामने आने पर जब जिम्मेदार अफसर से इस बारे में सवाल किया तो वे अपनी गलती मानने से इनकार करने लगे. बदले में गायत्री परिवार के सदस्यों द्वारा विवाह शादी कराने की बात कर रहे. अफसरों का कहना है कि विवाह सम्मेलन में शादी कराने की पूरी जिम्मेदारी गायत्री परिवार के परिजनों की थी. सम्मेलन में इनके द्वारा ही वैदिक मंत्र पढ़े गए हैं. मुस्लिम शिक्षकों को तो बस व्यवस्था संभालने की ड्यूटी पर लगाया गया था. आपको बता दें इस कार्यक्रम में भाजपा सांसद शिवमंगल सिंह तोमर सहित भाजपा के अन्य नेता और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे. वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष शशांक भूषण ने पूरे मामले में कहा है कि यह गंभीर मामला है. हिन्दू धर्म में विवाह संस्कार महत्वपूर्ण संस्कार है. इस पूरे मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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