Tikamgarh News: टीकमगढ़ में शनिवार को एक ऐसा मंजर सामने आया, जिसने रिश्तों की गहराई पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. एक बुजुर्ग की मौत के बाद उनका इकलौता बेटा अंतिम संस्कार करने से सिर्फ इसलिए मुकर गया क्योंकि पिता ने अपनी पैतृक जमीन बेटी के नाम कर दी थी. गली में अर्थी 22 घंटे तक घर के बाहर रखी रही, लेकिन बेटे का दिल नहीं पसीजा. उसने साफ कह दिया, जिसके नाम जमीन है, वही करे अंतिम संस्कार. अब गांव में मातम के साथ-साथ तनाव का माहौल भी बना हुआ है.
जनिए मामला
दरअसल, यह मामला ताल मऊ गांव का बताया जा रहा है. जहां एक तरफ लोग बुजुर्ग चिन्ना अहिरवार के अंतिम संस्कार की तैयार में जुटे थे, तभी बेटे राजू अहिरवार ने अंतिम विदाई देने से साफ इनकार कर दिया. उसका कहना है कि अगर बाप ने जमीन बहन के नाम की है, तो अब सारी जिम्मेदारी भी उसी की है. गांववालों की समझाइश, समाज के लोगों की कोशिशें राजू को नहीं मना सकी.
पुलिस भी नहीं समझा सकी
राजू अहिरवार की इस जिद ने पूरे गांव को असमंजस में डाल दिया. गांव वाले और समाज के बड़े-बुजुर्ग उसे समझाते रहे, लेकिन वो अपनी बात पर अड़ा रहा. हालात बिगड़ते देख पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा. पुलिस ने भी राजू को काफी समझाया, लेकिन उसने एक ही बात दोहराई, जिसे जमीन चाहिए, वही करे संस्कार.
22 घंटे तक रखी रही अर्थी
इस बीच चिन्ना अहिरवार की अर्थी करीब 22 घंटे तक घर के बाहर ही रखी रही. गर्मी में शव की हालत भी बिगड़ने लगी थी, जिससे गांव के लोगों में चिंता बढ़ती जा रही थी. बताया जा रहा है कि चिन्ना अहिरवार ने करीब तीन साल पहले ही अपनी बेटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी, जिसके बाद से राजू लगातार नाराज चल रहा था. अब इस पूरे मामले में गांव के लोगों के साथ-साथ प्रशासन भी हल निकालने में जुटा हुआ है. लोग इस घटना को लेकर काफी आहत हैं और कह रहे हैं कि जमीन से बढ़कर इंसानियत होनी चाहिए थी. वहीं पुलिस भी यह सुनिश्चित कर रही है कि अंतिम संस्कार किसी तरह संपन्न हो सके और गांव में तनाव की स्थिति ना बने.
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