Rewa Farmer Story: रीवा जिले के किसान दिलीप नामदेव ने वह कर दिखाया है, जो अब तक सिर्फ पहाड़ी इलाकों तक ही सीमित माना जाता था. कश्मीर और शिमला जैसे ठंडे प्रदेशों की पहचान माने जाने वाले ग्रीन एप्पल अब विंध्य की तपती धरती पर भी फलने लगे हैं. साल 2023 में दिलीप ने मनाली से ग्रीन एप्पल के 10 पौधे मंगाकर इसकी खेती की शुरुआत की थी. यह प्रयोग हर किसी को हैरान कर देने वाला था, क्योंकि रीवा में गर्मियों में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. लेकिन इस मुश्किल तापमान में भी पेड़ों ने अच्छा फल देना शुरू कर दिया. आज उनके एक-एक पेड़ से करीब 50 से 60 किलो तक सेब मिल रहा है.
दिलीप का कहना है कि इस कामयाबी के पीछे मेहनत और समझदारी दोनों की बड़ी भूमिका रही है. रीवा की मिट्टी सामान्य तौर पर हल्की और बलुई है, जो इस खेती के लिए लाभकारी साबित हुई. उन्होंने रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल किया और पौधों में नमी बनाए रखने पर खास ध्यान दिया. यही वजह रही कि न गर्मी से पौधे सूखे और न ही उनकी बढ़वार रुकी. वे लगातार कृषि अनुसंधान केंद्र, कुठुलिया फार्म से सलाह लेते रहे और वैज्ञानिकों के सुझावों को जमीन पर उतारते गए. आज उसी मेहनत का नतीजा है कि उनके बाग में ग्रीन एप्पल की हरमन 99 प्रजाति पूरी तरह से सफल हो गई है.
खेती की पुरानी परंपरा
दिलीप के परिवार की खेती की परंपरा पुरानी है. उनके पिताजी बद्री प्रसाद नामदेव भी किसान थे, जो आमतौर पर गेहूं, चावल, सरसों, तिल और दाल जैसी पारंपरिक फसलें उगाया करते थे. लेकिन दिलीप ने सोचा कि कुछ नया किया जाए और उन्होंने फलों की ओर रुख किया. पहले उन्होंने लीची, चीकू, आम, नींबू, केला, नारियल और पपीते जैसे फल लगाए. ये प्रयोग सफल रहे, लेकिन ग्रीन एप्पल की खेती से उन्हें अलग पहचान मिल गई है. आज न सिर्फ आस-पास के किसान, बल्कि दूसरे जिलों से भी लोग उनके खेत देखने और सलाह लेने आ रहे हैं.
बाजार में भारी डिमांड
सबसे खास बात यह है कि दिलीप के ग्रीन एप्पल की मांग बाजार में जबरदस्त है. जहां सामान्य सेब की कीमत 100 से 150 रुपए प्रति किलो के बीच रहती है, वहीं उनका ग्रीन एप्पल 200 से 250 रुपए किलो तक बिक रहा है. उनका कहना है कि अगर कभी कम दाम में भी बेचना पड़े, तो भी उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है, क्योंकि फसल यहीं रीवा में तैयार होती है, जिससे बाहर से मंगाने का खर्च और झंझट नहीं होता है. यही नहीं, व्यापारियों को भी पास से माल मिलने में सहूलियत रहती है.
सेहत के लिए गुणकारी
ग्रीन एप्पल सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. यह पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज की दिक्कत को दूर करता है. इसके अलावा इसमें विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है. हरे सेब को चबाने से मुंह की सफाई होती है और यह दांतों व मसूड़ों को भी स्वस्थ रखता है. यही नहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को भी जवान और चमकदार बनाए रखते हैं.
दिल को रखे सेहतमंद
डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह सेब किसी औषधि से कम नहीं माना जाता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है. इसके अलावा यह दिल को भी सेहतमंद रखता है, क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने में मदद करते हैं. इस कारण से भी इसकी बाजार में विशेष मांग है और लोग इसे स्वास्थ्य के नजरिए से पसंद कर रहे हैं.
किसानों के लिए प्रेरणा
आज दिलीप की मेहनत और लगन पूरे इलाके के किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गई है. उनके खेतों में जो ग्रीन एप्पल लहलहा रहे हैं, वह सिर्फ फल नहीं हैं, बल्कि एक नई सोच, नया प्रयोग और बदलते कृषि नजरिए की मिसाल हैं. अब जब वैज्ञानिक भी उनके इस प्रयोग पर शोध कर रहे हैं, तो यह साफ है कि रीवा की धरती पर खेती के नए अवसर जन्म ले रहे हैं. यह बदलाव एक साधारण किसान की असाधारण सोच से शुरू हुआ है. (रिपोर्टः भास्कर)
मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!