Madhya pradesh: एमपी के कटनी जिले से एक मामला आया. जिससे लगता है कि अभी भी अंधविश्वास मौजूद है. एक युवक की जान को दांव पर लगा दिया गया. दरअसल एक युवक को सांप काटा तो उसे डॉक्टर के पास इलाज कराने ले जाने की की बजाय सबसे पहले एक तांत्रिक से मोबाइल फोन के जरिए झाड़-फूंक करवाई, जिसके बाद युवक की हालत और बिगड़ गई. तब जाकर उसे अस्पताल लेकर गए. जिसके बाद वहां युवक का इलाज चला और जैसे तैसे उसकी जान बच सकी.
इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा
पूछताछ के बाद पता चला कि झाड़-फूंक करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ जिसके बाद अजगर खान की हालत अधिक बिगड़ने पर अस्पताल में मौजूद लोगों ने परिजनों को समझाया तब जाके युवक को अस्पताल में डॅाक्टर ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया, तुरंत ही भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया, जिससे उसकी हालत में पहले से काफी सुधार आया.
डॉक्टर की अपील
मामले की पूछताछ में डॉक्टर सौरभ नामदेव जो ड्यूटी पर थे उन्होंने बताया कि अजगर खान को जब अस्पताल लाया गया तभी उसकी हालत काफी गंभीर थी और इलाज समय पर शुरू होने के कारण ही युवक की जान बचाई जा सकी है. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की अंधविश्वास में न पड़े, डॉक्टर सौरभ का कहना है कि अक्सर मानसून के दौरान सर्पदंश के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं, लेकिन लोग सांप काटने पर घरेलु उपचार या झाड़-फूंक और अंधविश्वास का सहारा लेते है जिससे जान बचाने का कीमती समय गंवा देते हैं. सांप के जहर का असर मिनटों में पूरे शरीर में फैल जाता है. ऐसे में झाड़-फूंक नहीं बल्कि तुरंत अस्पताल ले जाकर सही इलाज जरुरी है.
दोस्तों ने क्या कहा
पीड़ित अजगर खान के दोस्त से बात की तो उसने भी यही बताया कि सांप काटने के तुरंत बाद युवक को कपड़े से बांधकर अस्पताल लाए थे लेकिन घरवालों ने झाड़-फूंक करने को उचित समझा, जिसके बाद उसकी हालत और खराब हो गई.
सोर्स- जी माडिया