नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief mohan bhagwat) द्वारा पंडितों (Pandit) पर दिए बयान को लेकर देशभर में ब्राह्मणों और पंडितों में आक्रोश का माहौल है. आरएसएस के सफाई देने के बाद भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हो रही है. एमपी के ग्वालियर (gwalior) में जहां वकीलों ने एफआईआर दर्ज करवाने का आवेदन दिया है तो वहीं उज्जैन महाकाल मंदिर (mahakal mandir) के वरिष्ठ पुजारी और अखिल भारतीय युवा ब्राह्म्ण समाज के संस्थापक महेश पुजारी और उपाध्यक्ष रूपेश मेहता ने संघ प्रमुख को लेटर लिख 3 सवाल पूछे है.
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महाकाल मंदिर पुजारी ने पूछे 3 सवाल
दरअसल उज्जैन महाकाल मंदिर के सबसे वरिष्ठ महेश पुजारी और उपाध्यक्ष रुपेश मेहता ने लेटर लिखते हुए कहा कि संघ प्रमुख ने जो बयान पंडितों को लेकर दिया है, उससे देश के ब्राह्मणों और पंडितों को ठेस पहुंची है. इस लेटर में संघ प्रमुख से 3 सवाल भी पूछे गए है, जो इस प्रकार है...
सवाल-1 त्रेतायुग में भगवान राम और रावण किस वर्ण और वंश के थे? शबरी और केवट किस वर्ण और वंश के थे? त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई? प्रभु राम ने, रावण ने या शबरी या केवट ने संघ इसे स्पष्ट करें.
सवाल-2 द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने यदुवंश में जन्म लिया, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. जब श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में जब स्वयं को वर्ण व्यवस्था का रचनाकार बताया है, तो ब्राह्मण समाज पर आरोप क्यों?
सवाल-3 महाकाल मंदिर के पुजारी ने संघ प्रमुख पर निशाना साधते हुए RSS के अंदर की वर्ण व्यवस्था को निशाना बनाते हुए कहा कि यदि भागवत वर्ण व्यवस्था खत्म करना चाहते ही हैं तो पहले संघ और घटकों की वर्ण व्यवस्था को खत्म कीजिए. उन्हें आदेश निकालना चाहिए कि सभी सदस्य अपने लड़के-लड़कियों की शादी दलित औऱ पिछड़ा वर्ग में करेंगे. जो इस वर्ण व्यवस्था में रहेगा वो संघ को छोड़ सकता है.
शिकायती आवेदन देने पहुंचे वकील
संघ प्रमुख के बयान पर ग्वालियर की हिंदू महासभा द्वारा बयान वापस लेने की चेतावनी के बाद वहां के वकीलों ने भी मोहन भागवत के खिलाफ एफआईआर की मांग की है. वकीलों की मांग है कि मोहन भागवत ने जाति विशेष को भड़काने वाला बयान दिया है. जिससे देश में हिंसा फैल सकती है. इतने बड़े पद पर बैठे होने के बावजूद ऐसा बयान देना उचित नहीं है. वकीलों ने कहा कि अगर एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो कोर्ट में जाने के लिए हम स्वतंत्र हैं.
जानिए क्या कहा था संघ प्रमुख भागवत ने...
दरअसल रविदास जयंती के मौके पर मोहन भागवत ने मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि जाति व्यवस्था भगवान की देन नहीं हैं, बल्कि जातियों का बंटवारा पंडितों ने किया था. भगवान के लिए तो सभी इंसान एक ही है. उन्होंने कहा कि समाज में जातियों में बांटने की वजह से ही देश में आक्रमण हुए थे, इसका बाहरी शक्तियों ने काफी फायदा उठाया. यदि हम एक होते तो कोई हमारी ओर आंख उठाकर नहीं देखता.
भागवत ने यह दिया था बयान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में आयोजित रविदास जयंती कार्यक्रम में कहा था कि जाति व्यवस्था भगवान की देन नहीं है, बल्कि जातियों का बंटवारा पंडितों ने की थी. भगवान के लिए सभी इंसान समान हैं. उन्होंने कहा था कि समाज को जातियों में बांटने की वजह से देश में आक्रमण हुए, बाहरी ताकतों ने इसका खूब फायदा उठाया. यदि हम एक होते तो किसी की हिम्मत नहीं होती की वह हमारी ओर आंख उठाकर भी देख सके.