MP News: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का बचा हुआ 307 मीट्रिक टन कचरा भी जलाया जाएगा, पहले तीन चरणों में 30 टन कचरा जलाया गया था. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने कचरा जलाने की ट्रायल रन की पूरी जानकारी गुरुवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पेश की थी, जिसमें बताया गया कि कचरा जलाने का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है और कचरा जलाने के दौरान किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आई है, इसलिए आगे भी बाकि का बचा हुआ कचरा पीथमपुर में केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देखरेख में ही जलाया जाएगा. बता दें कि तीन चरणों में 30 टन कचरा जलाकर देखा गया था, जो पूरी तरह से नष्ट हो गया और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं रही.
पीथमपुर में 72 दिन में जलेगा 307 मीट्रिक टन कचरा
मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि बचा हुआ 307 मीट्रिक टन कचरा पूरी तैयारी और सुरक्षा के साथ अगले 72 दिनों में जलाया जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार की तरफ से हलफनामा भी दिया गया है. जिसके बाद चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने सरकार को यह काम समय से पूरा करने के आदेश दिए हैं, साथ ही सरकार को सुझावों पर भी विचार करने के लिए कहा है. कोर्ट की तरफ से भी कचरा निपटारे की पूरी प्रक्रिया को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
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इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 जून निर्धारित की गई है. बताया जा रहा है कि हर घंटे 270 किलो कचरा जलाया जाएगा, इस हिसाब से पूरे 72 दिनों में बचा हुआ 307 मीट्रिक टन कचरा जलेगा. क्योंकि कचरा जलाने के लिए इंसिनरेटर को कुछ दिनों के लिए बीच-बीच में बंद भी किया जाएगा. लेकिन जब तक हाईकोर्ट में यह सुनवाई चलेगी तब तक यह पूरा कचरा जलाया जाएगा. वहीं पहले कचरे की राख को जमीन में दबाना था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा बल्कि राख को पीथमपुर के प्लांट के परिसर में बनी एक साइंटिफिक लैंडफिल साइड में रखे कैप्सूल में रखी गई है. इसके लिए भी पूरे इंतजाम किए गए हैं.
30 टन कचरा जल चुका है
बता दें कि अब तक पीथमपुर में 30 टन कचरा जल चुका है, जहां तीन चरणों में 10-10 मीट्रिक टन कचरा जलाया गया है. सबसे पहले 27 फरवरी को पहले चरण में कचरा जलाया गया था, इसके बाद 4 मार्च को और बाद में 10 मार्च को कचरा जलाया गया था. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से यह रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी गई थी.
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