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MP में ये कैसी लापरवाही: एंबुलेंस में 7 घंटे तक पड़ा रहा युवक का शव, दो थानों में उलझा मामला

MP News: मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक युवक का शव 7 घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़ा रहा, क्योंकि मामला दो थानों के बीच उलझा हुआ था, जिससे परिजन दिनभर परेशान होते रहे. 

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7 घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
7 घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
Arpit Pandey|Updated: May 14, 2025, 10:52 AM IST
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Vidisha News: विदिशा जिले में लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक मृतक युवक का परिवार पूरे 7 घंटे तक परेशान होता रहा. क्योंकि युवक का शव 7 घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़ा रहा. बताया जा रहा है कि दो थानों के बीच ऐसी खींचतान चली की युवक का शव समय से घर तक नहीं पहुंच पाया. बताया जा रहा है कि युवक ने जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसके चलते उसकी तबियत बिगड़ी और उसे एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, लेकिन यहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन यहां से मामला दो थानों में ऐसा उलझा कि सब परेशान हो गए. 

विदिशा के दो थानों में उलझा मामला 

विदिशा जिले के पड़रायत में रहने वाले पवन की मंगलवार को जहर खाने से मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि जब उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित किया तो तुरंत ही मामले की जानकारी सिविल लाइन थाने में दी गई, क्योंकि विदिशा का पड़रायत गांव इसी थाने में आता है. लेकिन सिविल लाइन थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है, क्योंकि जहां युवक को पहले भर्ती किया था, वह नर्सिंग होम कोतवाली क्षेत्र में आता है. ऐसे में दोनों थाने एक-दूसरे का क्षेत्र बताकर कार्रवाई करने से बचते रहे. जिसके चलते युवक का शव 7 घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़ा रहा, क्योंकि पुलिस कार्रवाई नहीं होने से शव को मॉर्चुरी में नहीं रखा जा सका, जिससे उसका समय से पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया. 

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बताया जा रहा है कि रात में करीब 9 बजे के बाद शव को मॉर्चुरी में रखा गया, जिसके बाद उसके पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होगी. वहीं परिजनों का आरोप है कि जिस नर्सिंग होम में पवन को भर्ती कराया था, वहां के डॉक्टरों ने उसकी मौत की जानकारी नहीं दी थी. अगर समय से पुलिस कार्रवाई और पोस्टमॉर्टम हो जाता तो नर्सिंग होम की लापरवाही की जांच हो सकती थी. लेकिन करीब 7 घंटे तक सभी को परेशान होना पड़ा और कोई व्यवस्था नहीं हुई. 

बता दें कि दो थानों के बीच उलझने से मामले में मृतक युवक के परिजन परेशान होते रहे, वह लगातार जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे ताकि युवक का समय से पोस्टमार्टम हो जाता था, लेकिन यह मामला दो थानों में फंसा रहा. 

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