Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों हादसा, हत्या या खुदकुशी समेत सभी मामलों में शवों के पोस्टमार्टम के बाद फ्री में कफन दिया जाता है. लेकिन अब यहां सिस्टम में काम करने वाले कर्मचारी पोस्टमार्टम के बाद दुखी पीड़ित परिजनों से कफन के लिए पैसे भी मांग रहे हैं. अगर कोई परिजन पैसे देने से इंकार कर रहा है, तो उन्हें सिस्टम में काम करने वाले लोग बिना कफन ही शव ले जाने के लिए धमका रहे हैं.
जानिए क्या है मामला?
दरअसल, ताजा मामला राजधानी रायपुर से के सरकारी अस्पताल से सामने आया है. जहां राज्य के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वालों ने कांकेर के आदिवासी मृतक परिजनों से 500 रुपए कफने के लिए मांगे. यह डिमांड सिर्फ इनसे ही नहीं बल्कि यहां अन्य जिन मृतकों का पोस्टमार्टम हो रहा है, उनके परिजनों से की जा रही है. दुखी परिजन शव जल्दी पाने के चक्कर में मजबूरी में फ्री में मिलने वाले कफने के लिए पैसे दे रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश के और भी कई सरकारी अस्पताल जहां पीएम होता है, वहां भी वसूली की शिकायतें मिलती हैं. अस्पताल में कम करने वाले कर्मचारी कफन, प्लास्टिक के डिब्बे और पॉलिथीन के नाम पर 1000 - 1000 रुपये की तक की वसूली कर रहे हैं. हालांकि सरकार द्वारा इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान किया गया है.
शव ले जाने पर भी ले रहें पैसा!
सरकार द्वारा मुक्तांजलि सेवा के तहत 40 करोड़ रुपये रखे गए हैं. डीएमएफ फंड से जरुरत के हिसाब से पैसे निकाले जाते हैं. लेकिन पीएम के तरह ही वसूली निशुल्क वाहन सेवा मुक्तांजलि में हो रही है. पीएम के बाद मुक्तांजलि सेवा के तहत शव ले जाने वाले ड्राइवर मृतकों के परिजनों से 500 रुपये मांगते हैं.
सोर्स- दैनिक भास्कर
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