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कहां है गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क? जहां मिले हैं 29 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म

Manendragarh Forest Division: मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क 29 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीवाश्म मिले हैं. यह पार्क एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा समुद्री जीवाश्म पार्क है. जो हसदेव नदी के किनारे स्थित है.   

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कहां है गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क? जहां मिले हैं 29 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म
Shubham Kumar Tiwari|Updated: Apr 25, 2025, 08:33 PM IST
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Gondwana Marine Fossil Park: छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क एक प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में उभर रहा है. यहां 29 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीवाश्म मिले हैं. देश में ऐसे सिर्फ चार और जगह समुद्री जीवाश्म मिले हैं, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला का मरीन फॉसिल पार्क इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा समुद्री जीवाश्म पार्क है. यह जीवाश्म हसदेव नदी के किनारे लगभग 1 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. इसे राष्टीय भू-वैज्ञानिक स्मारक का दर्जा भी प्राप्त है.

जानकारी के मुताबिक इसकी खोज 1954 में भू-वैज्ञानिक एस .के घोष ने कोयला खनन के दौरान की थी. यहां से द्विपटली (बायवेल्व) जीव, गैस्ट्रोपॉड, ब्रेकियोपॉड, क्रिनॉइड और ब्रायोजोआ जैसे प्राचीन समुद्री जीवों के जीवाश्म मिले हैं, इसके चलते यह देशभर के शोधार्थी और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है, इसकी पुष्टि 2015 में बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ पैलेंटोलॉजी, लखनऊ के द्वारा भी की गई है.

वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्षेत्र पर्मियन युग के समय समुद्र में डूबा हुआ था, ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ा, जिससे समुद्री जीव चट्टानों में दब गए और लाखों वर्षों में जीवाश्म के रूप में बदल गए, जो बाद में जल स्तर घटने से उभरकर उपर आ गए. यह पार्क गोंडवाना महाद्वीप के भू-गर्भीय इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र माना जाता है, तब से वन विभाग इस क्षेत्र को संरक्षित करते आ रहा है.

वर्तमान में वन विभाग इस क्षेत्र को गुजरात और झारखंड़ के डायनासोर फॉसिल पार्क के तर्ज पे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है. हसदेव नदी के किनारे प्राकृतिक हार्ड ग्रेनाइट रॉक्स को काट के प्राचीन जीव-जंतुओं की कला कृतियां बनाई जा रही है, जो लोगों को आकर्षित कर रही है.

बड़े पत्थरों को तराश के जमीन, पानी और एम्फीबियन के अब तक 30 प्राचीन जानवरों की मूर्तियां बनाई जा चुकी है. इसको देख के पर्यटक समझ सकेंगे कि पृथ्वी में पहले किस तरह के विशालकाय जानवर हुआ करते थे, जहां इंसान का रह पाना संभव नहीं था. इस तरह का यह छत्तीसगढ़ में पहला रॉक गार्डन होगा. सरगुजा संभाग में अब तक ज्यादातर पर्यटक मैनपाट को ही देखने आते है. वन विभाग का यह अभिनव पहल गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को छत्तीसगढ़ के बड़े पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलायेगा.

रिपोर्ट- सरवर अली, जी मीडिया, मनेन्द्रगढ़

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