lok sabha election 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना के दौरे पर थे, जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया. उनका यह दौरा भले ही एक तरह से सामाजिक था, लेकिन इसमें कई राजनीतिक मायने भी छिपे हुए थे, जिसकी झलक सीएम मोहन यादव के बयानों में साफ दिखाई दी. उन्होंने एक तरह से आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एजेंडे को जनता तक पहुंचाने की शुरुआत कर दी है. सीएम मोहन यादव ने पटना में बिहार और मध्य प्रदेश के कनेक्शन से लेकर लोकतंत्र में यादव समाज की भूमिका तक पर बड़ी बातें कही. जबकि उन्होंने बिहार के लोगों को मध्य प्रदेश में आकर व्यवसाय करने के लिए भी आमंत्रित किया.
लोकतंत्र को जिंदा रखने में यादव समाज की अहम भूमिका
सीएम मोहन यादव ने कहा 'परमात्मा से प्रकृति तक प्रेम करने का अनूठा उदाहरण अगर कहीं दिखाई देता है, तो निश्चित रूप से वह यादव समाज में दिखाई देता है, लोकतंत्र को जिंदा रखने में हमारे यादव समाज की भूमिका सबसे अहम है. मैं बिहार के लोगों को मध्य प्रदेश में आकर व्यवसाय करने के लिए आमंत्रित करता हूं. आप सब लोग एमपी आइए आपका स्वागत है. मैं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से आता हूं, इसलिए हमारे यहां तो रिश्ता शब्दों से नहीं बल्कि भाव से होता है. मैं माता सीता की जन्मस्थली में आकर हाथ जोड़ता हूं और आप सभी को प्रणाम करता हूं.'
बिहार और मध्य प्रदेश का कनेक्शन बताया
इस दौरान सीएम मोहन यादव ने बिहार और मध्य प्रदेश का कनेक्शन भी बताया. उन्होंने कहा कि 'बिहार महावीर और सम्राट अशोक की धरती है. मैं सौभग्यशाली हूं जो यहां आया हूं क्योंकि मध्य प्रदेश और बिहार का रिश्ता तो हजारों सालों से बना हुआ है. क्योंकि यहां (बिहार) में जो राजा बनता था वो पहले मध्य प्रदेश में गावारणार रहता था, जिससे मध्य प्रदेश और बिहार का कनेक्शन बहुत पुराना है.' बता दें कि सम्राट अशोक बिहार के शासक रहे हैं, जिनका कनेक्शन सीधे तौर पर मध्य प्रदेश से भी जुड़ा है.
पीएम मोदी की तारीफ
सीएम मोहन यादव ने पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा 'द्वारकाधीश के अनन्य भक्त, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माध्यम से, एक मजदूर परिवार के बालक को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है. प्रधानमंत्री स्वयं भी जीवन में कई कठिनाइयों के बाद, आज दुनिया में भारत देश को गौरवान्वित करने का काम कर रहे हैं. कठिनाइयों से घबराने की बजाय अपने ईष्ट 'भगवान श्रीकृष्ण' का ध्यान करें और आगे बढ़ें.'
यादव वोटबैंक पर नजर
बिहार की राजनीति में यादव वोटबैंक सबसे अहम माना जाता हो जो फिलहाल राज्य की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है, ऐसे में बीजेपी अब इस वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारियों में जुटी हैं, जिसमें सीएम मोहन यादव ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं. बिहार में जातीय जनगणना के मुताबिक अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी 27 प्रतिशत हैं, जिसमें 14.26 प्रतिशत के यादव वोट सबसे ज्यादा है. इस लिहाज से यह वोटर्स बिहार में किंगमेकर माने जाते हैं. राज्य की 40 में से 5 लोकसभा सीटों पर यादव वोटबैंक सीधा प्रभाव रहता है. इसके अलावा 10 अन्य लोकसभा सीटों पर भी इनकी सीधी पकड़ दिखती है. ऐसे में अगर बिहार में पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग वोट बैंक को मिला दिया जाए तो यह लोकसभा चुनाव में बेहद प्रभावी साबित हो सकता है.
राजनीतिक जानकारों की माने तो बीजेपी ने मोहन यादव को आगे करके यादव समेत ओबीसी वोटर्स को साधने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहला दौरा बिहार का किया है. पटना में भी यादव समाज की तरफ से उनका स्वागत किया गया, जिसमें बीजेपी के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे.