Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की 1.31 करोड़ लाड़ली बहनों को आज बड़ी खुशखबरी मिली है. आज सीएम मोहन यादव 10 जनवरी को लाड़ली बहना योजना की 8वीं किस्त जारी कर दी है. जिसके तहत महिलाओं के खाते में सीधे 1250 रुपए जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि इसके लिए वित्त विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग को किस्त की राशि 1,596 करोड़ रुपये जारी कर दी है. आज सीएम मोहन यादव कुशाभाऊ ठाकरे हॉल से सिंगल क्लिक से कर महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर की है.
मई में शुरू हुई थी योजना
गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना को पूर्व सीएम शिवराज ने चुनाव से पहले मई 2023 में शुरू की थी. जिसमें 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 1000 रुपये देने का फैसला लिया गया था. जून में इसकी पहली किस्त जारी की गई थी. इसके बाद राखी पर इस योजना की राशि को बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. अब तक इसकी 7 किस्तें जारी हो गई है, आज 11 बजे 8वीं किस्त सीएम मोहन यादव जारी करेंगे.
इन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ पाने वालों के लिए कई शर्तें थे. जिसमें कहा गया था कि जो बहनें इनकम टैक्स के दायरे में ना आती हों, अगर संयुक्त परिवार है तो पांच एकड़ से ज्यादा जमीन न हो, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी न करता हो. घर पर ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो, इसके अलावा पूर्व सांसद, विधायक, पंचायत सदस्यों की पत्नि न हों, इन लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. बता दें कि लाडली बहना योजना की शुरुआत इस साल मार्च के महीने में सूबे के पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने की थी. इसके तहत बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजे जाते हैं.
10 से 15 जनवरी तक महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनेगा
बता दें कि मध्यप्रदेश में 10 से 15 जनवरी 2024 तक महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज करेंगे लाड़ली बहनों के खातों में 1576.61 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेंगे. जिसमें 56 लाख से अधिक हितग्राहियों को लाभ मिलेगा. जिला स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायतों को पुरूस्कृत किया जायेगा. प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित बालिकाओं का सम्मान भी होगा.
इसके अलावा महिलाओं और युवाओं पर केंद्रित दो दिवसीय 11,12 जनवरी रोजगार मेलों का आयोजन होगा. मां तुझे प्रणाम योजना में कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल का 150 युवतियों के दल द्वारा भ्रमण, युवाओं को जिलों के प्लैनिटेनियम और ऑब्जर्वेटरी में स्टडी टूर, परंपरागत खेतों तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन, मकर संक्रांति को आधुनिक विज्ञान से जोड़ते हुए विज्ञान मेलों का आयोजन होगा