Ratlam News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन जो समीकरण विधानसभा चुनाव में दिखे थे कुछ ऐसे ही समीकरण लोकसभा चुनाव से पहले भी बनते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस के बागी नेता ने पूर्व पीसीसी चीफ कमलनाथ पर विधानसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा फोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है. उनका बयान प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के संकेत देता नजर आ रहा है.
प्रेमचंद गुड्डू ने कमलनाथ पर साधा निशाना
विधानसभा चुनाव में रतलाम जिले की आलोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने रविवार को कार्यकर्ता आभार सभा में एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कांग्रेस की हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर फोड़ दिया है. इसके साथ ही उन्होंने अडानी का जिक्र भी किया है. गुड्डू ने कहा 'कमलनाथ ने जानबूझकर मध्य प्रदेश की सत्ता भाजपा को सौंपी है, कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा अमित शाह, पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी से कमलनाथ की कंपनियों की पार्टनरशिप है. उनके बिजनेस और व्यवसाय तो चल रहे हैं लेकिन इन कार्यकर्ताओं का क्या होगा, जिन्होंने सालों से कांग्रेस के लिए मेहनत की है?'
निर्दलीय लड़ा था चुनाव
बता दें कि पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने विधानसभा चुनाव में आलोट से कांग्रेस का टिकट मांगा था. लेकिन कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद प्रेमचंद गुड्डू बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में आये थे. हालांकि इस चुनाव में प्रेमचंद गुड्डू और कांग्रेस प्रत्याशी दोनों आलोट में चुनाव हार गए, बीजेपी प्रत्याशी चिंतामणि मालवीय को सीट पर जीत मिली थी. लेकिन चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह गुडडू ही बने थे. क्योंकि उन्होंने 33 हजार से ज्यादा वोट बटौरे थे.
क्या बनेगा तीसरा मोर्चा
प्रेमचंद गुड्डू का एक बयान सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि वो मालवा-निमाड़ की 60 से अधिक सीटों पर नया दल बनाकर आगामी चुनाव में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे. उनके इसी बयान से तीसरे मोर्चे के संकेत बनते दिख रहे हैं. दरअसल, मालवा-निमाड़ में कांग्रेस के सबसे ज्यादा बागी नेता विधानसभा चुनाव में उतरे थे. बताया जा रहा है कि गुडुडू इन्ही नेताओं को जोड़कर एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं. जो आने वाले लोकसभा चुनाव, स्थानीय चुनाव और पंचायत चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस को टक्कर दे सकते हैं.
बागी नेताओं की बड़ी फेहरिस्त
चर्चा यह भी है कि इस मोर्चे में बीजेपी के बागी नेताओं को भी स्थान दिया जा सकता है. वैसे भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में बागी नेताओं की बड़ी फेहरिस्त देखने को मिली थी. खास बात यह है कि मालवा-निमाड़ के अलावा अलग-अलग अंचलों में नेताओं ने निर्दलीय दूसरी पार्टियों से मिलकर चुनाव लड़ा था. जैसे विंध्य में बीजेपी के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी अपना अलग दल बनाकर मैदान में उतरे थे. इसी तरह कई नेता आप, बसपा और सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर आने वाले दिनों में बीजेपी में भी तीसरा मोर्चा दिखे तो इसमें ज्यादा असमंजस नहीं होना चाहिए. क्योंकि दोनों ही पार्टियों में इस तरह के नेताओं की लंबी चौड़ी लिस्ट हैं, जबकि लोकसभा चुनाव इनके लिए बड़ा मौका हो सकता है.
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