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उज्जैन में हो रही 'पुष्पा' वाले लाल चंदन की खेती, वन विभाग ने क्यों छिपाई थी जानकारी ?

Red Sandalwood: 'पुष्पा' फिल्म में जिस लाल चंदन की तस्करी हुई थी, उसी लाल चंदन की खेती अब मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी हो रही है, यहां 600 पौधे लगाए गए हैं. 

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उज्जैन में होगी लाल चंदन की खेती
उज्जैन में होगी लाल चंदन की खेती
Arpit Pandey|Updated: Mar 10, 2025, 10:10 AM IST
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Ujjain Simhastha Kumbh: लाल चंदन 'पुष्पा' फिल्म के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है. आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के जंगलों में होने वाला लाल चंदन अब मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भी मिलेगा. उज्जैन में लाल चंदन की खेती की जा रही है, क्योंकि 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ में इसी लाल चंदन से बाबा महाकाल का अभिषेक किया जाएगा. इसके अलावा कुंभ में आने वाले साधु संतों को भी लाल चंदन लगाया जाएगा. इसलिए उज्जैन में लाल चंदन के 600 से ज्यादा पौधे लगाए गए थे, जो 2028 तक पूरी तरह से पेड़ बन जाएंगे. 

उज्जैन में बना चंदन वन 

पुष्पा फिल्म वाले लाल चंदन की खेती उज्जैन में हो रही है. साल 2022 में वन विभाग की तरफ से उज्जैन में 1.74 हेक्टेयर जमीन पर लाल चंदन के 600 पौधे लगाए गए थे, जिनकी ऊंचाई 7 फीट तक हो चुकी है, 2028 तक यह पूरी तरह से पेड़ बन जाएंगे, बता दें कि उज्जैन प्रशासन ने इसे चंदन वन नाम दिया है. हालांकि अब तक सुरक्षा के नजरिए से वन विभाग ने इसकी जानकारी छुपाई थी, क्योंकि लाल चंदन सबसे ज्यादा महंगा होता है, जिसकी तस्करी भी होती है. 

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उज्जैन के जिला प्रशासन ने बताया कि लाल चंदन वैसे भारत में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के घने जंगलों में ही मिलता है, लेकिन उज्जैन जिला प्रशासन ने यहां के किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित करने के लिए 600 पौधे आंध्रा से मगंवाए थे, जिन्हें लगाया गया था. इनकी देखभाल वन विभाग की तरफ से की जा रही है. 2028 में जब यह पेड़ बन जाएंगे तो फिर इनकी कटाई की जाएगी, वहीं अब इनकी सुरक्षा और बढ़ा दी गई है. 

सिंहस्थ कुंभ की तैयारियां 

बता दें कि उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ की तैयारियां शुरू हो गई हैं. लाल चंदन को उगाने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और उसके हिसाब की जमीन का चयन सबसे पहले किया गया था, जिसके के बाद ही उज्जैन में यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. बोवनी के बाद इसमें केंचुआ खाद डाला गया था, जिससे लाल चंदन के पौधे अच्छे से पनप चुके हैं. बताया जा रहा है कि इसी लाल चंदन से उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान हर दिन बाबा महाकाल का आशीर्वाद किया जाएगा, जबकि कुंभ में आने वाले साधु संतों को भी यही लाल चंदन लगाया जाएगा. 

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