Ujjain Farmer News: मध्य प्रदेश के किसान भी अब खेती करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. कई किसान ऐसे हैं, जो ज्यादातर जैविक खेती की तरफ रुख अपनाते हैं. क्योंकि इस खेती से कई फायदे देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक किसान उज्जैन का रहने वाला है, जिन्होंने सिर्फ 500 रुपए से खाद बनाकर सालाना 8 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं.
उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील में गांव लोहाना के रहने वाले किसान लक्ष्मीनारायण ने खेती का तौर तरीका ही बदल दिया है. उन्होंने 2019 में वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए सिर्फ 500 रुपए के केंचुए से जैविक खाद बनाकर, सालाना 8 लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं.
किसान ने बताया कि पिछले 5-6 सालों से कई किसानों को जैविक खाद और दवाईयां बनाने का तरीका भी बता चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं 2019 में नागपुर गया था, तो वहां पर जैविक खाद और दवाईयां बनाना सीखा था. तब से अपने एक एकड़ खेत के लिए वर्मी कंपोस्ट जीवामृत, घन जीवामृत खुद बना रहा हूं.
वहीं किसान ने इसे बनाने के तरीके के बारे में बताया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए सबसे पहले जमीन पर एक प्लाास्टिक बछाते हैं. उसके बाद उस प्लास्टिक पर एक महीने पुराने गोबर की 3 से 4 फीट चौड़ी और 2 से 3 फीट लंबी शीट बनाता हूं. उसके बाद फिर लगभग 7 से 8 दिनों तक रोजना सुबह-शाम पानी का छिड़काव करता हूं. फिर एक किलो केंचुए को 2 महीने के लिए छोड़ देता हूं.
किसान लक्ष्मीनाराण ने बताया कि इस वर्मी कंपोस्ट खाद को छांव में ही बनानी पड़ती है. क्यों कि इस खाद को बनाने के लिए इसमें नमी को रखना बहुत जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि आइसीनिया फेटिडा किस्म के केंचुए यानि लाल केंचुआ का इस्तेमाल करता हूं. इस खाद को बनाने के लिए केंचुए गोबर की लगभग 3 इंच निचली सतह में चले जाते हैं.
आगे बताते हुए कहा कि जीवामृत के लिए लगभग 200 लीटर के ड्रम में पानी भरकर रखता हूं. फिर उसमें 10 किलो गाय का गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, 1 किलो बेसन, 1 किलो गुड़, बरगद के पेड़ की छाल या खेत के मेड़ की 1 किलो मिट्टी डालता हूं. सुबह शाम इस मिश्रण को मिक्स करता हूं. इस तरीक से सिर्प 7 से 8 दिनों के अंदर जीवामृत तैयार हो जाता है.
इसी प्रकार घन जीवामृत बनाता हूं, जो जीवामृत का सूखा रूप होता है. इसमें 2 किलो गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, एक किलो बेसन, एक किलो गुड़ और बरगद या मेड़ की मिट्टी को मिलाकर कंडे तैयार करता हूं. इसके बाद इन कंडों को छांव में ही सुखाता हूं. फिर इन सूखे कंडों को खेतों में इस्तेमाल कर लेता हूं.
किसान ने बताया कि केंचुए, वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर लगभग साल में 8 लाख रुपए की कमाई कर लेता हूं. उन्होंने कहा कि जब मैंने पहली बार इस खाद का खेत में इस्तेमाल किया था, तो लगभग 75 फीसदी तक खेती की लागत कम हो गी. जब कि बाजार में अनाज अच्छे भाव में बिका. इस लिए अन्य किसानों को भी मैने प्रोत्साहित किया है कि अपने खेत में इसी खाद का इस्तेमाल करें.