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सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को मिलेगी विश्व-स्तरीय सुविधाएं, PM मोदी करेंगे 778 करोड़ के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन

Simhastha 2028 Ghats Construction Project: सिहंस्थ 2028 की महा-तैयारियां शुरू हैं. इन सब के बीच पीएम मोदी घाट परियोजना के तहत  778 करोड़ रुपये के घाट प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करने जा रहे हैं. इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने में सहुलियत होगी. 

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Meta AI (सांकेतिक तस्वीर)
Meta AI (सांकेतिक तस्वीर)
Shubham Kumar Tiwari|Updated: May 28, 2025, 04:50 PM IST
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Ujjain Simhasth Kumbh Mela 2028 Preparations: उज्जैन सिंहस्थ की भले ही 27 मार्च, 2028 से शुरू होगा. लेकिन इसको दिव्य और भव्य बनाने के लिए सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. 2028 में होने वाले इस सिंहस्थ कुंभ में देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आएंगे. ऐसे में सरकार का दायित्व है कि वो विश्व स्तरीय सुविधाय मुहैया कराए. इसी क्रम में सिंहस्थ महापर्व 2028 की भव्य तैयारियों के लिए पीएम मोदी 31 मई को 778.91 करोड़ रुपए के घाट प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करेंगे.

दरअसल, पीएम मोदी 31 मई को मध्य प्रदेश आ रहे हैं. इस दौरान वो 778.91 करोड़ रुपए की लागत से क्षिप्रा नदी के दोनों तटों पर बनने वाले घाटों के निर्माण कार्य का भूमिपूजन करेंगे. यह निर्माण कार्य नमामि क्षिप्रा परियोजना के अंतर्गत शनि मंदिर से नागदा बायपास तक कुल 29.21 किलोमीटर क्षेत्र में किया जाएगा.

जानिए उद्देश्य
घाटों के निर्माण का उद्देश्य सिंहस्थ मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं और साधु-संतों को सुगम स्नान और आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराना है. इस कार्य के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और इसे 30 माह की समयसीमा में पूर्ण किया जाएगा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी 83.39 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले स्टॉप डैम, बैराज और वेंटेड कॉजवे जैसी जल संरचनाओं का भी भूमिपूजन करेंगे. इन संरचनाओं का उद्देश्य क्षिप्रा नदी में जल स्तर बनाए रखना और नदी को अविरल एवं प्रवाहमान बनाना है.

विकसित किए जाएंगे ये डैम
इन परियोजनाओं के अंतर्गत उज्जैन, इंदौर और देवास जिलों में कुल 21 जल संरचनाएं विकसित की जाएंगी. इनमें गाजनोदखेड़ा, सिरोंज, टिगरियागोगा, पटाड़ा, बरोदपिपलिया जैसे क्षेत्रों में बैराज और स्टॉप डैम शामिल हैं. इसके अलावा कालियादेह स्टॉप डैम के मरम्मत कार्य का भी भूमिपूजन किया जाएगा. गौरतलब है कि उज्जैन का पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है. क्षिप्रा नदी को स्वच्छ, अविरल और आस्था के अनुरूप बनाए रखने हेतु यह महापरियोजना एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यह परियोजन सिंहस्थ 2028 के आयोजन को गति प्रदान करेगी और उस दौरान यहां आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने में सहायक होगी. 

रिपोर्ट- अनिमेष सिंह, जी मीडिया उज्जैन

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