Bundelkhand Kajaliya Festival: बुंदेलखंड में आज भी एक ऐसा त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, जिसकी जड़ें सैकड़ों साल पुरानी हैं. सावन महीने के खत्म होते ही ग्रामीण इलाकों में कजलिया पर्व का रंग चढ़ जाता है. मिट्टी के घटों में बोए गए जवारे, सिर पर सजे कजलिया और गांव के तालाबों तक जाती महिलाओं की टोलियां ये नजारा न सिर्फ परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि किसानों की खुशहाली और भाईचारे का प्रतीक भी माना जाता है.