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यात्रियों की परवाह नहीं, महायुति सरकार का मकसद सिर्फ चुनाव...मुंबई रेल हादसे पर राज ठाकरे ने सुनाई खरी-खरी, गठबंधन पर क्या बोल गए?

मुंबई की लाइफलाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन में हुए हादसे के बाद राज्य में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. राज ठाकरे ने बीजेपी गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जानें पूरी खबर.

यात्रियों की परवाह नहीं, महायुति सरकार का मकसद सिर्फ चुनाव...मुंबई रेल हादसे पर राज ठाकरे ने सुनाई खरी-खरी, गठबंधन पर क्या बोल गए?
krishna pandey |Updated: Jun 10, 2025, 09:05 AM IST
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने ठाणे में मुंब्रा ट्रेन दुर्घटना में हुई मौतों पर दुख जताया है, जिसमें कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद राज ठाकरे ने महायुति के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की जमकर आलोचना की है. राज का कहना है कि सरकार लोगों के वास्तविक मुद्दों के बजाय केवल चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनसे प्रमुख ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "मुंबई में आज जो ट्रेन दुर्घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस दुर्घटना में कई यात्रियों की मौत हो गई, लेकिन मुंबई में हर दिन ऐसी ही घटनाएं हो रही हैं. मुंबई में हर दिन यात्री घायल हो रहे हैं और फिर भी कोई भी मदद के लिए कुछ नहीं कर रहा है." उन्होंने कहा, "हमारा पूरा ध्यान केवल चुनाव और प्रचार पर है. क्या राज ठाकरे-उद्धव ठाकरे गठबंधन करेंगे? इस सवाल से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आज मुंबई में यात्रा कैसी चल रही है, लोग शहरों और पूरे राज्य में कैसे रह रहे हैं."

उन्होंने मुंबई लोकल ट्रेनों के लिए अलग से गवर्निंग कॉरपोरेशन बनाने की मांग न करने के लिए मौजूदा और पिछली राज्य सरकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा, "मुंबई रेलवे के लिए अलग कॉरपोरेशन की मांग कई सालों से चल रही है. हमने भी यह मांग की थी, लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया. आज शहरों की प्लानिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. भारी भीड़ आ रही है. उनके लिए बड़ी सड़कें, पुल, मेट्रो बनाई जा रही हैं. ऊंची इमारतों को अनुमति दी जा रही है, लेकिन पार्किंग की कोई योजना नहीं है."  

रेलवे स्टेशनों पर भीड़ देखकर हैरान होने की बात कहते हुए उन्होंने सांसदों, विधायकों और मंत्रियों सहित राजनीतिक नेताओं से सवाल किया कि क्या वे विदेश यात्रा पर जाते हैं और सार्वजनिक परिवहन के बारे में अपनी यात्राओं से कुछ सीखते हैं. उन्होंने कहा, "मैं खुद मुंबई में लंबे समय से ट्रेन से यात्रा कर रहा हूं. लेकिन तब स्थिति थोड़ी बेहतर थी. अब रेलवे स्टेशन पर भीड़ देखकर मैं हैरान हूं. ये सांसद, विधायक, मंत्री विदेश जाते हैं - क्या वे वहां से कुछ सीखते हैं? अगर ऐसी कोई घटना विदेश में होती, तो वहां इसे कैसे संभाला जाता? हमारे पास कुछ नहीं है. यहां, मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है."

इससे पहले सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर कटाक्ष करते हुए उन पर मौतों के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया. "रेल मंत्री एक रील मंत्री बन गए हैं. पिछले 2-3 वर्षों में कई भयानक ट्रेन दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आ रहा है. यह पूरी तरह से रेलवे विभाग और रेल मंत्री की जिम्मेदारी है... भारत के लोगों ने कई बार उनके इस्तीफे की मांग की है, लेकिन वे अभी भी अपना काम कर रहे हैं." 

आपको बता दें कि सोमवार सुबह चलती ट्रेन से करीब 10 यात्री गिर गए. इनमें से चार की मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए. यह दुखद घटना सेंट्रल रेलवे के मुंब्रा और दिवा रेलवे स्टेशन के बीच हुई. भारी भीड़ के कारण यात्री असुरक्षित तरीके से दरवाजों पर लटके हुए थे.

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