Eknath Shinde on Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में खटपट की खबरें काफी समय से आ रही हैं. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के अलावा अजित पवार (Ajit Pawar) से शीत युद्ध चल रही है. अब इस पर खुद एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है और सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि उनके, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच सबकुछ 'ठंडा-ठंडा और कूल-कूल' है. एकनाथ शिंदे ने सत्तारूढ़ गठबंधन में अंदरूनी कलह की खबरों पर कहा है कि शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी की साझेदारी नहीं टूटेगी.
शीत युद्ध क्या है: एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा, 'चाहे आप कितनी भी ब्रेकिंग न्यूज़ दें, हम (महायुति) नहीं टूटेंगे. शीत युद्ध क्या है? ऐसा कुछ नहीं है. महाराष्ट्र की इस भीषण गर्मी में... शीत युद्ध कैसे संभव है?' दरार की खबरों के बीच एकनाथ शिंदे ने पिछले सप्ताह अपने आलोचकों को चेतावनी दी थी कि वे 'मुझे हल्के में न लें.'
किसके लिए हल्के में ना लेने की चेतावनी
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा, 'मुझे हल्के में मत लीजिए, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है, उनसे मैं पहले ही कह चुका हूं. मैं एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता हूं, लेकिन मैं बाला साहेब का कार्यकर्ता हूं और सभी को मुझे इसी समझ से लेना चाहिए. जब आपने 2022 में इसे हल्के में लिया, तो मैंने सरकार बदल दी, हम आम लोगों की इच्छा की सरकार लाए हैं.'
साल 2022 में क्या हुआ था?
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) साल 2022 में शिवसेना विधायकों के विद्रोह का जिक्र कर रहे थे, जिसकी अगुआई उन्होंने की थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई थी और शिवसेना के दो टुकड़े हो गए थे. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री बने थे. बाद में एनसीपी के दो टुकड़े होने के बाद अजित पवार भी गठबंधन में शामिल हो गए थे. इसी को लेकर एक रहस्यमय टिप्पणी में एकनाथ शिंदे ने कहा था कि जो लोग उन्हें हल्के में लेते हैं, उन्हें यह संकेत समझना चाहिए.
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा था, 'विधानसभा में अपने पहले भाषण में मैंने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस जी को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और हमें 232 सीटें मिलीं. इसलिए मेरी बात को हल्के में न लें. जो लोग इस संकेत को समझना चाहते हैं, उन्हें इसे समझना चाहिए और मैं अपना काम करता रहूंगा. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि एकनाथ शिंदे, सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 57 विधायक हैं और भाजपा के पास 132 सीटें हैं.
'कोल्ड वॉर' पर सीएम फडणवीस ने भी तोड़ी चुप्पी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी रविवार को महायुति गठबंधन को लेकर विपक्ष के अफवाहों पर विराम लगाया. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महायुति सरकार में सब ठीक है और सत्तारूढ़ सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच कोई कोल्ड वार नहीं है. उन्होंने इसे अफवाह करार दिया. इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई कोल्ड वार नहीं है. कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने विपक्ष से सफलतापूर्वक मुकाबला किया है और हमें विधानसभा चुनाव में भारी जीत मिली है. हम विपक्ष से लड़ेंगे, लेकिन मीडिया से नहीं. उन्होंने कहा कि मीडिया को बिना पुष्टि के खबर नहीं चलानी चाहिए. खबर चलाने से पहले सरकार का दृष्टिकोण जानना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच कोई कोल्ड वार नहीं है. सीएम ने कहा, 'मैं और एकनाथ शिंदे दोनों जानते हैं कि जब हम साथ होते हैं तो क्या करते हैं.'
देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष को चेताया
विधानसभा के बजट सत्र से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने के लिए विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'बजट सत्र कल से शुरू होने जा रहा है. विपक्ष ने हमें 9 पन्नों का पत्र दिया है. विपक्ष की स्थिति 'हम आपके हैं कौन?' वाली है, 'हम साथ-साथ हैं' वाली नहीं. उनके पास धाराप्रवाह बातचीत का अवसर था, लेकिन वे 'चहापन' (बजट सत्र से पहले चाय पार्टी) में शामिल नहीं हुए. उन्होंने हमें जो पत्र दिया है, वह केवल समाचार पत्रों के लेखों पर आधारित है. हम विपक्ष को सदन में बोलने के लिए लंबा समय देंगे.'
बता दें कि महाराष्ट्र में विपक्ष ने तीन मार्च से शुरू होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र से पहले पारंपरिक चहापन यानी टी पार्टी का बहिष्कार करने का फैसला किया है. यह चाय पार्टी आमतौर पर बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित की जाती है, जिसमें सरकार और विपक्ष के नेता अनौपचारिक बातचीत करते हैं. लेकिन, महाविकास अघाड़ी (MVA) ने इसका बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ कड़ा संदेश देने का प्रयास किया है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई और आईएएनएस)
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