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ऑफर मिलने के अगले ही दिन फडणवीस से मिले उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है?

Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की सियासत का पारा इन दिनों काफी ज्यादा हाई है. सीएम देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे ने मुलाकात करके एक बार फिर हलचल बढ़ा दी है. दोनों की मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली. 

ऑफर मिलने के अगले ही दिन फडणवीस से मिले उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है?
Abhinaw Tripathi |Updated: Jul 17, 2025, 07:12 PM IST
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CM Devendra Fadnavis: कहते हैं कि सियासत में कब क्या हो जाए इसका किसी को भरोसा नहीं रहता है. इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में भी काफी ज्यादा हलचल देखी जा रही है. कुछ दिन पहले एक मंच पर सालों बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे देखे गए थे. जिसकी वजह से सियासी पारा हाई हो गया था. अब सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश की राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है. आज उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मुलाकात की. ये मुलाकात इसलिए भी काफी ज्यादा चर्चाओं में है क्यों बुधवार को देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को सत्ता पक्ष में आने का ऑफर दिया था. 

20 मिनट चली मुलाकात
यह बैठक विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में करीब 20 मिनट तक चली.  सबसे दिलचस्प बात इसमें ये रही कि इस बैठक में आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे. इस मुलाकात को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में तीसरी भाषा के विचार और हिंदी थोपने का विरोध करने वाले समाचार लेखों का एक संग्रह दिया. 

 

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिया था ऑफर 
इससे पहले बुधवार को विधान परिषद में नेता विरोधी दल अंबादास दानवे की विदाई समारोह में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और सीएम देवेंद्र फडणवीस उपस्थित थे. यहां पर बोलते हुए फडणवीस ने मजाकिया लहजे में कहा कि कम से कम 2029 तक हमारी विपक्ष में आने की कोई गुंजाइश नहीं है. अगर उद्धव ठाकरे चाहें तो इस तरफ यानी की सत्ता पक्ष में आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं. इस पर तरीके से विचार किया जा सकता है लेकिन हमारी विपक्ष में आने की कोई गुंजाइश नहीं है. फडणवीस का बयान ऐसे समय में आया है जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने तीन-भाषा नीति को लेकर लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं. 

 

टूट गया था गठबंधन
बता दें कि शिवसेना और बीजेपी का 2014 तक गठबंधन रहा लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद हो गया और दोनों में दरार आ गई. इसके बाद 2019 में, चुनाव जीतने के बाद, उद्धव ने भाजपा का साथ छोड़ दिया और कांग्रेस से हाथ मिला लिया और सीएम पद की कुर्सी पर आसीन हो गए. हालांकि ढाई साल बाद शिवसेना में भी दरार आ गई और उद्धव ठाकरे को कुर्गी गंवानी पड़ी और एकनाथ शिंदे प्रदेश के मुखिया बन गए. हालांकि एक बार फिर उद्धव की नजदीकी किसी बड़े उलटफेर की आहट दे रही है. 

F&Q

सवाल- महाराष्ट्र को राज्य का दर्जा कब मिला था?
जवाब- महाराष्ट्र को 1960 में राज्य का दर्जा मिला था.

सवाल- महाराष्ट्र का पहला विधानसभा अध्यक्ष कौन थे?
जवाब- महाराष्ट्र विधानसभा के पहले अध्यक्ष एसएल सिलम थे.

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