Maharashtra politics: रह-रहकर महाराष्ट्र की राजनीति में पाला बदलने की सियासत सामने आ जाती है. इसी कड़ी में अजित पवार कांग्रेस का एक बड़ा विकट गिराने की तैयारी में थे लेकिन इसमें एक ट्विस्ट आ गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय वाड्डेटीवार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह एनसीपी नेता अजीत पवार के संपर्क में हैं और जल्द ही उनके गुट में शामिल हो सकते हैं. हालांकि वाड्डेटीवार ने इन खबरों को पूरी तरह से अफवाह बताते हुए साफ कर दिया कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ने वाले. उन्होंने कहा जिस पार्टी का कोई भविष्य नहीं है, उसमें जाने का सवाल ही नहीं उठता. मैं कांग्रेस में ही रहूंगा.
किसी पार्टी से कोई प्रस्ताव नहीं मिला?
असल में कांग्रेस के वाड्डेटीवार ने इन अटकलों को नकारते हुए कहा कि इससे पहले भी उनके बीजेपी में जाने की अफवाहें फैलाई गई थीं लेकिन उनमें कोई सच्चाई नहीं थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस उनकी विचारधारा से गहराई से जुड़ी हुई है और वह इसे छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते. उन्होंने कहा मुझे न तो किसी पार्टी से कोई प्रस्ताव मिला है और न ही मैंने किसी से बात की है. मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं चाहे सत्ता में रहें या विपक्ष में.
मगर ये अफवाह क्यों?
हालांकि वाड्डेटीवार का नाम अजीत पवार से जुड़ने के कारण कई तरह की राजनीतिक चर्चाएं होने लगी हैं. इससे पहले भी उन्होंने पार्टी के कामकाज को लेकर खुलकर नाराजगी जताई थी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने सीट शेयरिंग में देरी को हार का कारण बताया था.
उन्होंने कहा कि गठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे पर फैसला समय पर नहीं हुआ जिससे प्रचार के लिए कम वक्त मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को चुनाव प्रचार की स्पष्ट रणनीति बनाने और मतदाताओं तक अपनी बात सही तरीके से पहुंचाने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया. हालांकि पार्टी छोड़ने की अटकलों पर उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस में ही रहेंगे. एजेंसी इनपुट
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