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..तो क्या अब अजित पवार को टारगेट नहीं करेगी RSS? सामने आ गई ये अंदर की बात

BJP-RSS Meeting Inside Story: लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लगातार एनसीपी नेता अजित पवार पर निशाना साध रहा था, जिसको लेकर बीजेपी ने संघ के साथ बैठक की है और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संघ से सहयोग की मांग की है.

..तो क्या अब अजित पवार को टारगेट नहीं करेगी RSS? सामने आ गई ये अंदर की बात
Sumit Rai|Updated: Jul 24, 2024, 11:17 AM IST
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BJP Request RSS not to Criticize Ajit Pawar: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) पर लगातार निशाना साधा है. आरएसएस का दावा है कि एनसीपी के साथ गठबंधन की वजह से ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महाराष्ट्र में नुकसान हुआ है. हालांकि, अब खबर है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संघ के साथ एक बैठक की है और अजित पवार गुट की आलोचना ना करने की अपील करते हुए सीधे तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संघ से सहयोग की मांग की है. अब सूत्रों से पता चला है कि इस बैठक के बाद आरएसएस नेता एनसीपी को टारगेट नहीं करेंगे.

बीजेपी-आरएसएस की बैठक में क्या हुआ?

महाराष्ट्र में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले मंगलवार (23 जुलाई) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और महाराष्ट्र बीजेपी (Maharashtra BJP) के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी नेताओं ने संघ से विधानसभा चुनाव में सहयोग करने की मांग की. बीजेपी और संघ की बैठक में राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई. बैठक के दौरान बीजेपी ने संघ को अपना रुख समझाया और बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को अजित पवार की मदद की जरूरत है. इसलिए संघ को अजित पवार गुट की आलोचना करने से बचना चाहिए. सूत्रों से पता चला है कि इस बैठक में बीजेपी नेताओं ने इसको लेकर संघ के पदाधिकारियों से अनुरोध किया. बैठक में बीजेपी की ओर से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, चंद्रशेखर बावनकुले, आशीष शेलार और महाराष्ट्र बीजेपी के अन्य नेता शामिल हुए. साथ ही इस बैठक में कोंकण प्रांत के पदाधिकारी भी मौजूद थे.

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संघ ने बीजेपी को क्या दिया सुझाव?

बैठक के दौरान संघ ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सलाह देते हुए कहा कि चूंकि विधानसभा चुनाव करीब हैं, इसलिए पार्टी के भीतर सौहार्द बनाए रखने पर ज्यादा जोर देना चाहिए. संघ पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं को इस संबंध में विस्तृत निर्देश दिए. साथ ही संघ की ओर से बीजेपी नेताओं को लोकसभा में हुई गलतियों को सुधारने पर ध्यान देने की हिदायत दी गई है. भाजपा के पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आगामी दिनों में कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया है.

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लोकसभा चुनाव में एनसीपी का खराब प्रदर्शन

लोकसभा चुनावों में अजित पवार की एनसीपी लगभग खत्म हो गई. महाराष्ट्र में उसने जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से केवल एक पर ही जीत दर्ज कर पाई. शरद पवार की पार्टी तोड़ने, उसका नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने के बाद अजित पवार को बड़ा झटका लगा. हालांकि, चुनावी नतीजों के बाद अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से 'अतीत' भूलकर आगे बढ़ने को कहा था.

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की शिवसेना के साथ मिलकर महायुति गठबंधन बनाया था. आम चुनाव उनके लिए पहली चुनावी परीक्षा थी और उन्होंने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 40 से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन जब 4 जून को नतीजे घोषित हुए तो महायुति को भारी नुकसान हआ. गठबंधन को 48 में से सिर्फ 17 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी-एसपी वाले विपक्षी एमवीए गठबंधन ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि 28 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने 9 और 15 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना (शिंदे गुट) सिर्फ 7 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई.

आरएसएस ने की थी अजित पवार की आलोचना

लोकसभा चुनाव में एनडीए को हुए नुकसान के बाद हाल के समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एनसीपी नेता शरद पवार पर निशाना साधा था. आरएसएस ने दावा किया था कि एनसीपी के साथ गठबंधन से बीजेपी को फायदा की जगह नुकसान हुआ है. आरएसएस ने एक लेख में कहा गया कि लोकसभा चुनाव परिणामों में बीजेपी का प्रदर्शन महाराष्ट्र में इसलिए खराब रहा, क्योंकि पार्टी ने अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन किया. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ विश्लेषकों का कहना था कि एनसीपी से गठबंधन की वजह से बीजेपी के पारंपरिक भगवा मतदाताओं को अलग-थलग कर दिया.

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