Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों तहलका मचा हुआ है. बता दें कि मुख्यंमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात हुई है, जिससे राजनीति में उथल-पुथल मची है. सूत्रों की मानें तो यह बैठक अचानक नहीं बल्कि पहले ही प्लान की गई थी. इसका संबंध फडणवीस की उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से पहले हुई मुलाकात से जोड़ा जा रहा है. इस बैठक में एकनाथ सिंदे मौजूद नहीं थे, जिसके 2 दिन बाद आदित्य और फडणवीस मुंबई के BKC होटल में एकसाथ पाए गए थे.
शिंदे के नेताओं के खिलाफ साजिश?
बता दें कि फडणवीस का इस तरह से ठाकरे के साथ बैठकों का सिलसिला शिंदे के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ शिवसेना ( UBT) की आक्रामकता को दर्शा रहा है, जो विवादों में फंसकर अपनी ही पार्टी की भलाई के लिए काम नहीं कर रहे हैं. बता दें कि शिंदे के सहयोगी नाराज हैं कि अनिल परब और अंबादास दानवे जैसे शिवसेना UBT के नेता उनके मंत्रियों पर हमला करने के लिए जानकारी जुटाने में कामयाब हो रहे हैं. बता दें कि बीते दिनों अंबादास दानवे ने सोशल जस्टिस मिनिस्टर संजय शिरसाट को उनके बेटे की होटल खरीद बोली को लेकर टारगेट किया था. वहीं अनिल परब ने गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर कांदिवली में एक इलिगल डांस बार को लेकर हमला बोला था. ऐसे में शिंदे के सहयोगियों को संदेह है कि विभाग के अंदर से ही कोई उनतक जानकारी पहुंचा रहा है. ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में और उलटफेर होने की आशंका जताई जा रही है.
डांस बार को लेकर विवाद
बता दें कि अनिल परब ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम और उनके बेटे योगेश कदम के डांस बार का मुद्दा उठाया था, जिसके चलते इस 30 मई साल 2025 को बंद करना पड़ा. बार का लाइसेंस रामदास कदम की पत्नी ज्योति के नाम पर था. यह बाद खुद रामदास ने स्वीकारी, हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पिछले 25 सालों से यह बार उन्होंने किसी दूसरे व्यक्ति को चलाने के लिए दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के छापे के बाद इसे बंद भी कर दिया गया.
महाराष्ट्र में फिर बदलेगी सरकार?
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे और फडणवीस के बीच खटास पैदा होने के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं अब उद्धव, आदित्य ठाकरे और फडणवीस के बीच की मुलाकात इस चर्चा पर जोर दे रही है कि कहीं उद्धव की पार्टी वापस भाजपा के साथ हाथ मिलाना तो नहीं चाहती? बता दें कि साल 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था और NCP-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, हालांकि साल 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद ये सरकार गिर गई थी.
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