trendingNow12817504
Hindi News >>देश
Advertisement

ये क्या! जगन्नाथ रथयात्रा से पहले मंदिर पहुंचीं CM ममता, अचानक सामने आ गया बंदर; फिर क्या हुआ?

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जगन्नाथ रथ यात्रा से एक दिन पहले दीघा में पहुंचीं, यहां उन्होंने यात्रा से जुड़े कामों का जायजा लिया. इसके अलावा उनकी एक तस्वीर ऐसी भी वायरल हो रही है, जिसमें वो बंदर को बिस्कुट खिला रही हैं. 

ये क्या! जगन्नाथ रथयात्रा से पहले मंदिर पहुंचीं CM ममता, अचानक सामने आ गया बंदर; फिर क्या हुआ?
Tahir Kamran|Updated: Jun 26, 2025, 08:37 PM IST
Share

Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस तस्वीर में वो बंदर को खाना खिलाती नजर आ रही हैं. बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की यह तस्वीर पूर्व मेदिनीपुर में दिघा की अपनी यात्रा के दौरान की है. ममता बनर्जी दीघा में जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आईं थीं. इस दौरान उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया.

27 जून को शुरू होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया. ममता बनर्जी ने कहा,'भगवान जगन्नाथ मंदिर एक प्रमुख तीर्थस्थल बन गया है. कल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक 1 किलोमीटर के मार्ग पर रथ यात्रा निकाली जाएगी. दोपहर 2.30 बजे आरती की जाएगी. इसके लिए हमारी मंत्रिस्तरीय टीम यहां पहुंच गई है.'

30 अप्रैल को हुआ था मंदिर का उद्घाटन

बता दें कि दीघा में 20 एकड़ में 250 करोड़ रुपये की लागत से बने मंदिर का उद्घाटन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 अप्रैल 2025 को किया था. पुरी में 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर से प्रेरित इस मंदिर में भी वही देवता विराजमान हैं.

पुरी में भी यात्री की तैयारी मुकम्मल

इसके अलावा ओडिशा का शहर पुरी भी जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का गवाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है. त्योहार के दौरान भक्त तीन देवताओं - भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के भव्य रथों को गुंडिचा मंदिर तक खींचते हैं, जहां देवता एक सप्ताह तक निवास करते हैं और फिर जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं.

पूर्णिमा के मौके पर पवित्र स्नान

बुधवार 11 जून को भगवान जगन्नाथ ने अपने भाई-बहनों, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के साथ पुरी में स्नान पूर्णिमा के मौके पर पवित्र स्नान अनुष्ठान किया. तीनों देवताओं को पवित्र जल के 108 घड़ों से औपचारिक रूप से स्नान कराया गया. यह अनुष्ठान भव्य रथ यात्रा की एक महत्वपूर्ण शुरुआत है.

Read More
{}{}