Amit Shah News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 पर हुई चर्चा पर गुरुवार को जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो भारत के भले के लिए आएगा, उसका स्वागत करेंगे. बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या, जिनके खयालात दुरूस्त नहीं होंगे उनसे हम सख्ती से निपटेंगे. साथ ही, अमित शाह ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर उठे सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर भी हमला बोला. इसके बाद सदन ने बिल को मंजूरी दे दी. इसके अलावा उन्होंने फेंसिंग के आंकड़े भी सदन में पेश किए.
'फेंसिंग के लिए जमीन नहीं दे रही बंगाल की सरकार'
केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग लगाने के लिए बंगाल सरकार पर जमीन नहीं देने और घुसपैठियों पर रहम कर सुरक्षा कोशिशों में बाधा डालने का इल्जाम लगाया.'बांग्लादेश से सटी हुई भारत की सीमा 2,216 किमी है. इनमें 1,653 किलोमीटर बाड़ लग चुका है, जबकि 563 किलोमीटर आज भी खुला है. इसमें 112 किलोमीटर सीमा नदी, पहाड़ आदि से निर्धारित है, जहां बाड़ लग ही नहीं सकता. बाकी 450 किलोमीटर की बाड़बंदी का काम इसलिए लंबित है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार इसके लिए भूमि नहीं दे रही है. केंद्रीय गृह सचिव बंगाल के मुख्य सचिव के साथ सात बैठकें कर चुके हैं. जब भी बाड़बंदी का काम होता है, तो सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी करते हैं और धार्मिक नारे लगाते हैं.
पकड़े लोगों के पास बंगाल का पहचान पत्र
वहीं, शाह ने टीएमसी सरकार पर गैर-कानूनी अप्रवासियों को आइडेंटिटी कार्ड मुहैया कराकर उनकी मदद करने का इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा, 'बांग्लादेशी घुसपैठिए हों या रोहिंग्या, पहले वे असम के रास्ते भारत में घुसते थे, जब कांग्रेस सत्ता में थी. अब वे पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसते हैं, जहां टीएमसी सत्ता में है.' 'उन्हें आधार कार्ड, नागरिकता कौन जारी करता है?... पकड़े गए सभी बांग्लादेशियों के पास 24 परगना जिले के आधार कार्ड हैं. आप (टीएमसी) आधार कार्ड जारी करते हैं और वे वोटर कार्ड लेकर दिल्ली आते हैं... 2026 में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी और हम इसे खत्म कर देंगे.'
अमित शाह की घुसपैठियों को चेतावनी
शाह ने यह भी साफ किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों को देश में घुसने नहीं दिया जाएगा. देश कोई धर्मशाला नहीं है... अगर कोई देश के विकास में योगदान देने के लिए आता है, तो उसका हमेशा स्वागत है.'
सरकार का क्या है टारगेट?
अमित शाह ने कहा कि यह बिल देश की सुरक्षा और नागरिकता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरी है. लोकसभा में बिल के पारित होने के बाद यह अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस विधेयक के जरिए सरकार का टारगेट अवैध आव्रजन पर रोक लगाना और विदेशी नागरिकों के प्रवेश को कंट्रोल करना है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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