Kangana Ranaut defends 'don't have cabinet' remark: हिमाचल में बारिश-बाढ़ और बादल फटने से आई त्रासदी के बीच एक ओर राहत और बचाव का काम जारी है. तो दूसरी ओर मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत लगातार विवादों से घिरी हैं. कांग्रेस पार्टी के नेता और नेटिजंस उन पर लगातार निशाना साध रहे हैं. ताजा मामले में उन्होंने आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उनका बयान विवादों में आ गया है. हालांकि कंगना सोमवार को भी अपने उस बयान पर कायम रहीं जिसमें उन्होंने कहा था, उनके पास न तो आपदा राहत कोष है और न ही कैबिनेट में कोई पद.
क्या बोलीं मंडी सांसद कंगना?
सोमवार को मंडी सांसद कंगना ने कहा, 'उनके बयान विवादित नहीं थे और यह उनकी अभिव्यक्ति का तरीका था. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कंगना ने कहा, 'मैंने लोगों को सच्चाई बताई कि मेरे हाथ में क्या है और क्या नहीं. एक सांसद के तौर पर हमें अपनी चिंताओं को उठाना होगा और फंड लाना होगा. मेरा एक दायरा है. मैंने लोगों से कहा कि हमारी पार्टी लोगों की सभी जरूरतों को पूरा करेगी. इसलिए मेरे बयान में कुछ भी गलत या विवादास्पद नहीं था.'
यह मेरी अभिव्यक्ति का तरीका: कंगना
उन्होंने कहा, 'मेरे बयान विवादित नहीं हैं. यह मेरी अभिव्यक्ति का तरीका है. जो किसी को गलत लग सकता है. रनौत ने ये भी कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मांग उठाऊंगी, जहां बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है'.
मंडी दौरे में देरी को लेकर उनका मजाक उड़ाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मेरी दो लाइनें उठाईं और मेरे खिलाफ बोल पड़े. हमें देखना होगा कि वे फंड का इस्तेमाल कहां करते हैं. लोगों तक पहुंचने में मुझे देर नहीं हुई है'.
इस बयान पर कांग्रेस ने फौरन उन्हें घेरते हुए असंवेदनशील राजनीति करने का टैग चिपका दिया.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कंगना ने कहा, 'सांसदों के पास संसद तक ही सीमित काम हैं. हम चीजों की योजना बनाने का एक छोटा लेकिन अहम हिस्सा हैं, मैं केंद्र से आपदा निधि प्राप्त करने में मदद कर सकती हूं'.
हालात खराब
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है. आपदा में 150 से अधिक घर, 106 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. कुल मवेशी मारे गए हैं. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, रविवार तक मंडी जिले में लगभग 200 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जबकि 236 ट्रांसफार्मर और 278 आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं.
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