Jammu Kashmir News: तुलमुला... कश्मीर के गांदरबल जिले में मौजूद इस गांव में हर ज्येष्ठ माह की अष्टमी को कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा जमावड़ा लगता है. तुलमुला में मौजूद माता खीर भवानी कश्मीरी पंडितों की आराध्य हैं. हर साल यहां इसी प्रकार बड़ा मेला लगता है. इस मंदिर की जो महिमा है, वो अपने आप में अनूठी है. इसी वजह से देश ही नहीं, दुनिया में कहीं भी कश्मीरी पंडित होते हैं तो इस दिन यहां जरूर आते हैं. इस बार ये मेला 3 जून से शुरू हुआ है. इस बार मेले में आशंका थी कि पहलगाम हमले की वजह से कम श्रद्धालु पहुंचेंगे, लेकिन यहां उमड़ी भीड़ बताती है कि माता खीर भवानी पर उनकी आस्था अगाध है.
आतंकवाद के दौर में भी आते रहे कश्मीरी पंडित
कश्मीर में जब आतंकवाद चरम पर था, तब भी यहां कश्मीरी पंडित आते रहे. मंदिर के पुजारियों को धमकियां मिलीं, लेकिन वे डरे नहीं. मां की सेवा करते रहे. इस मंदिर में एक 'जादुई' कुंड है. जादुई इसलिए क्योंकि कश्मीर पर जब भी कोई विपदा आती है तो इस कुंड से उसका संकेत मिल जाता है. कहा जाता है कि जब भी किसी अनिष्ट की आशंका होती है तब इस कुंड का पानी बदल जाता है. पानी का रंग आसमानी से काला या लाल हो जाता है.
KHEER BHAWANI MELA
The annual #KheerBhawaniMela is all set to be celebrated with
traditional fervour and gaiety today at the sacred shrine of Mata Ragnya Devi at Tulmulla in Ganderbal district of Jammu and Kashmir.@MinOfCultureGoI@JandKTourism pic.twitter.com/D4cE7n5BJU— DD NEWS JAMMU | डीडी न्यूज़ जम्मू (@ddnews_jammu) June 3, 2025
कुंड का पानी बदलने का मतलब अनहोनी
कहा जाता है कि कश्मीर में जब हिंदुओं का नरसंहार हो रहा था, उस दौर में इस कुंड का पानी अपने आप काला हो गया था. कभी कभी कुंड का पानी नीला और नारंगी भी हो जाता है. यह भी किसी न किसी प्रकार का संकेत ही होता है. करगिल युद्ध हो या अनुच्छेद 370 हटाने का समय, इस कुंड के पानी का रंग बदला है. कोविड के वक्त भी इस कुंड के पानी का रंग बदला था.
#WATCH | Jammu and Kashmir Chief Minister Omar Abdullah visited the revered Kheer Bhawani Temple in Tulmulla, Ganderbal. Accompanied by senior officials and local leaders, the CM offered prayers at the shrine, which holds deep spiritual significance for Kashmiri Pandits. pic.twitter.com/B2uRL3dNVc
— ANI (@ANI) May 20, 2025
मंदिर में उमर अब्दुल्ला ने की थी आरती
यहां मेला इतने बड़े पैमाने पर होता है कि महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू हो जाती है. 20 मई को ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खीर भवानी मंदिर आए थे. तब उन्होंने यहां माता की आरती भी की थी. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया था.
राग्न्या देवी की होती है आराधना
इस मंदिर में राग्न्या देवी यानी माता खीर भवानी की पूजा की जाती है. इन्हें माता दुर्गा का अवतार माना जाता है. राग्य का मतलब अनुकंपा या कृपा है. मान्यता है कि राग्न्या देवी अपने भक्तों को किसी भी संकट से उबार लेती है. इसी वजह से यहां किसी भी विपदा के आने से पहले उसका संकेत मिल जाता है. माता के मंदिर में खीर का भोग लगाया जाता है और उसे ही प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है. इसलिए देवी का नाम 'खीर भवानी' पड़ा.
JKNC President Dr Farooq Abdullah, along with Advisor to CM @nasirsogami, Minister Satish Sharma & MLA Zadibal @tanvirsadiq, visited the revered Mata Kheer Bhawani temple Tullmulla Ganderbal, joining thousands of devotees in prayers for peace. pic.twitter.com/RayoG8odSH
— JKNC (@JKNC_) June 3, 2025
फारूक अब्दुल्ला बोले- भाईचारा जिंदा है...
गांदरबल स्थितर माता खीर भवानी मंदिर पहुंचे नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब लोगों के दिलों से डर निकल गया है. जो लोग जम्मू-कश्मीर में झगड़ा-फसाद चाह रहे थे, उन्हें करारा तमाचा पड़ा है. इस मंदिर में लगा मेला दिखाता है कि कश्मीर में भाईचारा जिंदा है.
राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता खीर भवानी मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं. यह एक अच्छा संकेत है. मुझे लगता है कि 22 अप्रैल को हुए उस घातक हमले के बाद पहली बार कश्मीर में एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए हैं. माता खीर भवानी जम्मू-कश्मीर के लोगों पर अपनी कृपा बरसाती रहें. वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. यात्री निवास पर निर्माण कार्य भी चल रहा है. हमने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली हैं. यात्रियों की सुरक्षा के लिए अधिकारी सतर्क हैं. मैं पूरे भारत के तीर्थयात्रियों से अमरनाथ यात्रा के लिए आने का अनुरोध करता हूं.