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Milkipur Bypoll: मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में लगेगा वक्त, अवधेश के दांव से लंबा खिंचेगा अदालती मामला

Milkipur Assembly Seat By-election: उत्तरप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल 13 नवंबर को मतदान होने की कोई गुंजाइश बनती नहीं दिख रही है. मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव का मामला अब लंबा खिंचेगा. हाई कोर्ट अब 15 दिन बाद केस की सुनवाई करेगा.

Milkipur Bypoll: मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में लगेगा वक्त, अवधेश के दांव से लंबा खिंचेगा अदालती मामला
Keshav Kumar|Updated: Oct 17, 2024, 09:30 PM IST
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Milkipur Assembly By-election Date: उत्तरप्रदेश की 10 विधानसभा सीटों में से एक अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अब 13 नवंबर को उपचुनाव नहीं होगा. मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव का मामला फिलहाल लंबा खिंच गया है. हाई कोर्ट अब 15 दिन बाद इस केस की सुनवाई करेगा. पूर्व विधायक और भाजपा नेता गोरखनाथ बाबा की केस वापस लेने की अर्जी पर गुरुवार को तीखी बहस के बाद यह खबर सामने आई है.

भाजपा नेता का सपा सांसद अवधेश प्रसाद पर बड़ा आरोप 

भाजपा नेता गोरख नाथ बाबा ने आरोप लगाया है कि स्थानीय सपा सांसद अवधेश प्रसाद की तरफ से विरोध में खड़े किए गए कई वकील. इस वजह से फिलहाल अब हाई कोर्ट 15 दिन बाद सुनवाई करेगा. वहीं, सपा ने भाजपा पर मिल्कीपुर में हार को देखकर उपचुनाव टलवाने का आरोप लगाया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेताओं ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है. दोनों दलों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा.

भाजपा की विधानसभा उप-चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग

दूसरी ओर यूपी में होने वाले विधानसभा उप-चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है. भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा है कि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है. इसके चलते कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और प्रयागराज में लोग तीन चार दिन पहले इकट्ठे हो जाते हैं. ऐसे में चुनाव आयोग को कार्तिक पूर्णिमा को ध्यान में रखते हुए उपचुनाव की तारीखों में बदलाव करना चाहिए. भाजपा ने 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को उप चुनाव कराने पर विचार करने का सुझाव दिया है.

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सपा आक्रामक

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर में क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के कार्यक्रम हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि भाजपा ने मिल्कीपुर सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है. इस वजह से सामाजिक समीकरणों को साधने तक की चर्चा हो रही है. साल 2008 में नए परिसीमन के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट को अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सुरक्षित कर दिया गया था. उससे पहले इस सीट पर अब तक दो उपचुनाव हुए हैं. दोनों बार समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी. इसको लेकर सपा का कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ है.

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मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण क्या है?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3 लाख 69 हजार मतदाता थे. मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरणों को देखें तो यहां करीब 36 फीसदी वोटर सामान्य वर्ग के हैं. वहीं, ओबीसी वर्ग के 34 फीसदी, अनुसूचित जाति के 20 फीसदी और करीब 10 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. वहीं, करीब 60 हजार ब्राह्मण, 55-55 हजार यादव और पासी, 30 हजार मुस्लिम और 25 हजार ठाकुर वोटर हैं. जातीय समीकरणों में पीडीए को लेकर सपा लगातार सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर है.

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