MK Stalin governor issue: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने केंद्र पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री फिलहाल ऊटी के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और शुक्रवार सुबह सैर के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया.
असल में स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा राज्यपालों की भूमिका को लेकर मांगा गया स्पष्टीकरण एक अहम कदम है. उन्होंने बताया कि वे इस मुद्दे पर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्षी नेताओं से चर्चा करेंगे और उनके विचारों के आधार पर भविष्य की कार्रवाई तय की जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल तमिलनाडु का नहीं बल्कि सभी राज्यों का संवैधानिक मुद्दा है.
यह विवाद राज्यपाल आरएन रवि और तमिलनाडु सरकार के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों से जुड़ा है. राज्यपाल द्वारा विधानसभा से पास कुछ विधेयकों को रोके जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. 8 अप्रैल को कोर्ट ने साफ किया कि राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चितकाल तक नहीं रोक सकते और उन्हें संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत कोई वीटो शक्ति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपाल को समयसीमा के भीतर फैसला लेने की जरूरत पर भी बल दिया.
राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों से जुड़े
इसी फैसले के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे हैं जो राज्यपालों और राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों से जुड़े हैं. इनमें संविधान के अनुच्छेद 200, 201, 361, 143, 142, 145(3) और 131 शामिल हैं. वहीं, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम द्वारा इंडिया गठबंधन को लेकर दिए गए बयान पर स्टालिन ने सफाई दी कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है. स्टालिन ने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और आने वाले चुनावों में इसका प्रदर्शन और बेहतर होगा.
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